B-Tech in Mineral Engineering: वैसे तो करियर बनाने के लिए कई कोर्स उलब्ध हैं, लेकिन अगर आप इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो मिनरल इंजीनियरिंग आपके लिए बेहतरीन शाबित हो सकती है। इसके साथ ही अगर आपकी दिलचस्पी माइनिंग में है या खनिज तत्वों के बारे में जानने की जिज्ञासा है तो भी मिनरल इंजीनियरिंग आपके लिए बेहतरीन कोर्स शाबित हो सकता है।
अब मिनरल इंजीनियरिंग की बात करें तो यह एक शानदार करियर है। इसमें पृथ्वी पर पाए जाने वाले अलग तरह के मिनरल त्तवों के बारे में जानकारी दी जाती है और साथ ही यह बताया जाता है कि उन्हें किस तरह इकठ्ठा किया जा सकता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि बीटेक मिनरल इंजीनियरिं विभाग 2008 में स्थापित किया गया था। इसमें आपको अलग-अलग जगह जाकर खनन के जरिए खनिजों को इकठ्ठा करने का मौका दिया जाता है। साथ ही इसमें हर दिन कुछ नया सीखने को मिलेगा। आइए आपको इस कोर्स के बारे में विस्तार में बताते हैं।
बीटेक इन मिनरल इंजीनियरिंग (B-Tech in Mineral Engineering)
बीटेक इन मिनरल इंजीनियरिंग 4 साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है, जो सेमेस्टर के हिसाब से चलेगा। इसमें कुल 8 सेमेस्टर होते हैं। इसमें मिनरल को निकालने के बारे में सारी जानकारी दी जाएगी। जैसे- मिनरल के अपग्रेशन, सिद्धांतों, मैथड्स, मिनरल प्रोसेसिंग और उसके लिए प्रयोग होने वाली एप्लिकेशन आदि के बारे में बताया जाता है।
B-Tech in Mineral Engineering के लिए योग्यता
अगर आप यहां पर B-Tech in Mineral Engineering कोर्स करना चाहते हैं, तो आप के पास में यहां पर बताई गई योग्यता होनी चाहिए।
- मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 12वीं साइंस स्ट्रीम से पास होना जरूरी है।
- 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास होने वाले स्टूडेंट्स या परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार करने वाले स्टूडेंट्स भी आवेदन कर सकते हैं।
- मिनरल इंजीनियरिंग के कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को 12वीं में न्यूनतम 60 फीसदी अंक होने जरूरी हैं।
- वहीं प्रमुख जेईई परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स को 12वीं में कम से कम 75 फीसदी अंक होने जरूरी हैं।
- कोर्स में एडमिशन लेने के लिए न्यूनतम उम्र 17 साल है और अधिकतम उम्र 23 साल है।
- हालांकि आरक्षित श्रेणी के स्टूडेंट्स को अंक फीसदी और उम्र में छूट मिलेगी।
B-Tech in Mineral Engineering में एडमिशन लेने का तरीका
कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होगा। इसके बाद परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर स्टूडेंट्स को काउंसलिंग प्रोसेस के लिए रजिस्टर करना होगा। काउंसलिंग में उन स्टूडेंट्स को सीट दी जाएगी, जिन्हें अच्छे अंक मिलेंगे। वहीं टॉप इंस्टीट्यूशन में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को ज्यादा अच्छे अंक लाने होंगे। सीट अलॉट हो जाने के बाद स्टूडेंट्स को वैरिफिकेशन प्रोसेस के लिए संबंधित इंस्टीट्यूशन में जाकर अपने शैक्षिक डॉक्यूमेंट्स का वैरिफिकेशन करवाना होगा और फीस का भुगतान करना होगा।
B-Tech in Mineral Engineering के लिए टॉप प्रवेश परीक्षा
इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप प्रवेश परीक्षा की बात करें तो सबसे प्रमुख परीक्षा तो जेईई की ही मानी जाती है, लेकिन इसके आलावा भी कई प्रवेश परीक्षाएं हैं, जो इंस्टीट्यूशन नेशनल लेवल पर की जाती हैं। कुछ मुख्य प्रवेश परीक्षाएं हैं।
- जेईई मेन
- जेईई एडवांस
- यूपीईएसईएटी
- डब्ल्यूजेईई
- वीआईटीईईई
- एसआरएमजेईई
- ओजेईई
- केईएएम
बीटेक इन मिनरल इंजीनियरिंग- कॉलेज और फीस
- आईआईटी आईएसएम, धनबाद- 2,28,000 रुपये फीस
- गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग- 85,361 रुपये फीस
- बीजू पटनायक प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय- 82,000 रुपये फीस
- यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज- 3,25,000 रुपये फीस
- अन्ना विश्वविद्यालय- 55,000 फीस
- आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी- 1,10,000 रुपये फीस
- रिमट विश्वविद्यालय- 1,11,000 रुपये फीस
- बीटेक इन मिनरल इंजीनियरिंग- करियर ऑप्शन
- माइनिंग इंजीनियरिंग- 5 से 6 लाख रुपये
- मेटल एक्सट्रक्शन इंजीनियर- 4 से 4.5 लाख रुपये
- मेटालर्जिकल इंजीनियर- 3 से 5 लाख रुपये
- प्रोसेस इंजीनियर- 4 से 5 लाख रुपये
- क्वालिटी इंजीनियर- 2 से 4 लाख रुपये
- मेटल इंजीनियर- 4 से 5 लाख रुपये
- रिसर्च इंजीनियर- 5 से 6 लाख रुपये
- प्रोजेक्ट इंजीनियर- 4 से 5 लाख रुपये
- सेफ्टी इंजीनियर- 3 से 4 लाख रुपये
B-Tech in Mineral Engineering के बाद में यहां पर मिलेगी जॉब्स
- भारतीय खान ब्यूरो
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण
- आईपीसीएल
- एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड
- कोल इंडिया लिमिटेड
- ओएनजीसी
- एसएआईएल
- ऑयल
- मिनरल फर्में