what is Quantum Computer. टेक्नोलॉजी में लगातार बदलाव आ रहे है जिससे हमारी लाइफ को काफी आसान बना दिया है। आप ने क्वांटम कंप्यूटर को जरूर सुना होगा और यह भी सुना होगा कि क्वांटम कंप्यूटर भविष्य के कंप्यूटर हो सकते है कैसे आने वाले सालों में क्वांटम कंप्यूटिंग से कई कामो के पलभर में किया जा सकता है। 2030 के आसपास आपके टेबल पर एक क्वांटम कंप्यूटर रखा हो लेकिन क्वांटम कंप्यूटर आपके पर्सनल कंप्यूटर से किस तरह से अलग होते हैं और क्या स्पेशल होता है इन ( Quantum Computer ) में आइए जाने की कोशिश करते हैं।
what is Quantum Computer
आज के समय में कंप्यूटर हमारी life का एक most impotent part चुके हैं शायद आप यह आप को बताने की कोई जरुरत नहीं है तो जब से कंप्यूटर बना है तब से उसका साइज छोटा होता गया है और क्षमता बढ़ती गई है आपने देखा होगा के आपके मोबाइल की चिप जो सन 2010 में 1 जीबी की होती थी वही चिप उतनी ही साइज में आज आपको 1 टेराबाइट की मिल रही है तो आप इस से अंदाजा लगा सकते हैं कि टेक्नोलॉजी कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है ।
जब से दुनिया में कंप्यूटर का इनोवेशन किया गया धीरे- धीरे ये और भी पावरफुल बनते जा रहे हैं लेकिन फिर भी जिन Computers को आज आप इस्तेमाल कर रहे हैं उनकी कुछ लिमिटेशंस होती हैं ज्यादातर टेक जगत कि दिग्गज कंपनियां जैसे गूगल और आईबीएम क्वांटम फिजिक्स (Quantum Physics) का इस्तेमाल करके ऐसे कंप्यूटर बना रही हैं जिन्हें आप भविष्य का कंप्यूटर कह सकते हैं और इन्हीं कंप्यूटर्स को हम कहते हैं क्वांटम कंप्यूटर
Quantum Computing
क्वांटम कम्प्यूटिंग दुनिया का नक्शा बदल सकती है। दवाओं और चिकित्सा के क्षेत्र से लेकर, संचार के तौैर-तरीकों और Artificial Intelligence) को पूरी तरह से बदलकर रख देगी। वर्तमान में आईबीएम (IBM), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और गूगल (Google Inc.) जैसी बड़ी आर्ईटी कंपनियां इसे बनाने का प्रयास कर रही हैं। आप को बता दें कि अमरीका (America) औेर चीन (China) ने इस तकनीक को सबसे पहले हासिल करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया हुआ है।
बीते साल 2019 में गूगल के वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि उन्होंने क्वांटम सुप्रीमेसी (Quantum Supremacy) तकनीक विकसित करने में सफलता हासिल कर ली है। करीब 35 सालों से इस तकनीक पर काम कर रहे गूगल ने तो यहां तक घोषणा कर दी थी कि उसने इस क्वांटम चिप की मदद से सामान्य कम्प्यूटर से होने वाले 10 हजार साल का काम 200 सेकंड्स में ही पूरा कर लिया था। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम ने गूगल के इस दावे को झूठा करार दिया था।
Computer working process
कंप्यूटर सिर्फ दो ही नंबर समझता है, “0” और “1” जिसे binary number कहा जाता है. मतलब अगर transistor on है तो “1” समजा जाता है, और अगर off है तो “0” कोई भी software जो आप use करते हो, या कोई गेम खेलते हो, उसे कंप्यूटर binary numbers में ही प्रोसेस करता है. सबसे छोटा डाटा जो, कंप्यूटर process कर सकता है, उसे bit कहते है. यातो bit “0” हो सकता है, या तो “1” हो सकता है
Quantum Computer working
इस तरह क्वांटम कंप्यूटर में बिट्स के बजाय क्यूबिट्स (Qbits) का उपयोग करते हैं। यानी बिट्स की तरह ऑन या ऑफ होने की बजाय ये क्यूबिट्स उस स्थिति में भी हो सकते हैं जिसे ‘सुपरपोजिशन’ (Super Position) कहा जाता है, जहां वे एक ही समय में ऑन या ऑफ अथवा दोनों के बीच की स्थिति (Spectrum) में भी हो सकते हैं। क्यूबिट्स की सुपरपोजिशन ही क्वांटम तकनीक को इतना शक्तिशाली बनाती है। इसे ऐसे समझें कि अगर हम एक साधारण कम्प्यूटर को भूलभुलैया से बाहर निकलने का रास्ता बताने के लिए कहें तो वह हर संभव रास्ते को बारी-बारी से आजमाएगा जब तक कि सही रास्ता न मिल जाए जबकि एक क्वांटम कंप्यूटर एक ही बार में भूलभुलैया से बाहर निकलने वाले हर रास्ते को दिखा सकता है।
यह दो संभावित सिरों के बीच मौजूद अनिश्चितता को पकड़ लेता है जो साधारण कम्प्यूटर्स के बस की बात नहीं है। भौतिक विज्ञानी अभी भी पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं कि यह कैसे या क्यों काम करता है। लेकिन क्वांटम कंप्यूटिंग की मदद से हम उन जटिल सवालों के जवाब भी पा सकते हैं जिन्हें हल करने में हमारे सुपर कम्प्यूटर्स को लाखों साल लगेंगे।
क्वांटम कंप्यूटर तेजी से से काम करने तक सीमित नहीं है। इससे हम ऐसे काम भी कर सकेंगे जिनके बारे में हमने कभी कल्पना तक नहीं की है। इनकी मदद से हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को तेजी से विकसित कर सकेंगे। आज के समय के सुपर कंप्यूटर केवल बुनियादी अणुओं (Molecules) का ही विश्लेषण कर सकते हैं लेकिन क्वांटम कंप्यूटर उन्हीं बुनियादी अणुओं का उपयोग उन्हें समझने की कोशिश के दौरान ही कर सकता है। इसका सीधा सा मतलब है ज्यादा कुशल और आधुनिक उत्पाद, बेहतर चिकित्सा तकनीक, सस्ती दवाएं और बड़े पैमाने पर बेहतर सौर पैनलों का निर्माण जो इलेक्ट्रिक कारों में बैटरी का नया विकल्प बन सकती हैं।
इसके अलावा वैज्ञानिकों का मानना है कि क्वांटम तकनीक अल्जाइमर का कारगर इलाज खोजने में मदद कर सकती है। इसके अलावा शेयर बाजार और मौसम का सटीक पूर्वानुमान, वहीं क्रिप्टोग्राफी में सुधार कर एन्क्रिप्शन सिस्टम को सपुरफास्ट और सरल बनाना जैसे काम चुटकियों में कर सकता है। दुनिया भर में खुफिया एजेंसियोंं के पास बड़ी मात्रा में एन्क्रिप्टेड डेटा को ट्रैक करने में भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। क्वांटम एन्क्रिप्शन को कॉपी या हैक नहीं किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें सेंधमारी भी नहीं की जा सकेगी।
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