What is sim swappingआज के समय में ज्यादातर लोग फोन को यूज करते है। लगातार इन यूजर्स की संख्य़ा बढ़ती भी जा रही है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि लोगों के लाइफ में टेक्नोलॉजी के आने से कई तरह से बदलाव आए है। मोबाइल में सिम का बहुत ही महत्वपूर्ण काम होता है। क्या आप पता है कि आप के सिम से बहुत बड़ा फ्रॉड किया जा सकता है। नहीं पता है तो इस पोस्ट को लास्ट तक जरुर पढ़े। जिससे कि आप को इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सकें और इस साइबर फ्रॉड को लेकर सावधान रहें।
हाल ही के दिनों में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के रोज नए-नए केस और नए तरीके सामने आ रहे है। साइबर फ्रॉड का एक तरीका सिम स्वैपिंग हुआ है। सिम स्वैपिंग करके जालसाज लोगों के बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं और लोगों को पता भी नहीं लगता है। सिम स्वैपिंग की खबरें में लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये उड़ाए गए हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है सिम स्वैपिंग और क्या हैं इससे बचने के तरीके…
What is sim swapping/ क्या है सिम स्वैपिंग?
आसान भाषा में समझे तो, यह एक Fraud है, सिम स्वैप (Sim Swap) का सीधा मतलब सिम कार्ड को बदल देना या उसी नंबर से दूसरा सिम निकलवा लेना है। सिम स्वैपिंग में आपके मोबाइल नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और आपके मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाता है। ऐसे में ठग के पास आपके मोबाइल नंबर से सिम चालू हो जाता है और इसी का फायदा उठाकर वह आपके नंबर पर ओटीपी (One time Password) मंगाता है और फिर आपके खाते से पैसे उड़ा लेता है। जिससे की यूजर्स का भारी भंरकम चपत लगती है।
SIM Swap कैसे किया जाता है?
अब आप के मन में सवाल होगा कि आखिर कैसे इंटरनेट पर इन फ्रॉड के अन्जाम दिया जाता है। SIM Swapping करने के कई तरीके है। जिनकी हम यहां पर बात करेगें। आप को बता दें कि SIM Swapping सिर्फ Hacking नहीं है। बल्कि यह Crime के दायरे में आता है। इसीलिए यह मामला सभी Mobile SIM Operators के साथ भी हो सकता है! इसीलिए सावधान और सतर्क रहे।
जानिए कैसे होती है सिम स्वैपिंग की शुरुआत
Phone Call की मदद से
सिम कार्ड स्वैपिंग के लिए लोगों के पास ये ठग फोन करते हैं और दावा करते हैं कि वे आपके सिम कार्ड की टेलिम कंपनी के ऑफिस से बोल रहे हैं। ये ठग लोगों से इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने और कॉल ड्रॉप को ठीक करने का दावा करते हैं। इसी बातचीत के दौरान ये आपसे 20 अंकों का सिम नंबर मांगते हैं जो कि सिम कार्ड के पीछे लिखा होता है। जैसे ही आप नंबर बताते हैं तो वे आपसे 1 दबाने के लिए कहते हैं। 1 दबाने के साथ ही नया सिम कार्ड जारी करने का ऑथेंटिकेशन पूरा हो जाता है और फिर आपके फोन से नेटवर्क गायब हो जाता है।
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MNP (Mobile Number Portability) के ज़रिये
वैसे एमएनपी के ज़रिये SIM Card Swapping के मामले अभी तक ज्यादा देखने को नहीं मिले हैं। लेकिन यह भी एक अच्छा ज़रिया बन जाता है Hackers को SIM Swap करने के लिए।आप को बता दें कि एमएनपी का मतलब अपने मोबाइल नंबर को वर्त्तमान Mobile Operator से किसी अन्य Operator में Port करना होता है।और यहाँ पर भी Mobile Number को Port करने के लिए किसी Particular Number पर SMS भेजना होता है।
यहाँ पर भी उस SMS का गलत इस्तेमाल किया जाता है। और इस मामले में भी Hacker आपके SIM Card को Clone करके Duplicate सिम कार्ड बनवाकर अपने नाम से जारी करा लेता है।
कई बार ये लोग कस्टमर केयर से फोन करने की बात कहकर ज्यादा फायदे वाला नया सिम जारी करने का झांसा देकर सिम की सारी जानकारी जुटा लेते हैं।फिर पुराने सिम को बंद करके नया सिम इश्यू करा लेते हैं।
कैसे बचें सिम स्वैपिंग से (How to prevent sim swapping)
अगर आपके फोन में कोई भी कॉल या फिर एसएमएस नहीं आ रहा है तो तुरंत इसके बारे में मोबाइल ऑपरेटर से बात करें और पूरी जानकारी हासिल करें।
अगर आपको किसी धोखाधड़ी का जरा भी संदेश हो तो फौरन कस्टमर केयर पर बात करें।
किसी दिन अचानक बहुत ज्यादा कॉल आने लगें तो भी अलर्ट रहना चाहिए। क्योंकि फ्रॉर्ड करने वाले यूजर को बहुत ज्यादा कॉल करके उसे परेशान करते हैं और ऐसे में कई बार यूजर अपना फोन स्विच ऑफ करके रख देता है।साइबर क्राइम करने वाले इस मौके का फायदा उठाते हैं।
सिम स्वैपिंग में ठगी होने पर क्या करें
किसी भी तरह के फ्रॉड होने पर सबसे पहले अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को कस्टमर केयर में फोन करके ब्लॉक कराएं और इसके बाद बैंक को इसकी लिखित सूचना दें। इसके अलावा गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था साइबर दोस्त को भी आप ट्विटर पर इसकी जानकारी दे सकते हैं। साथ ही आप https://cybercrime.gov.in/ पर भी जाकर इसकी शिकायत कर सकते हैं।