Pharmacovigilance me career, how to make career in Pharmacovigilance me career full information: मेडिकल के क्षेत्र में दवाइयां की खोज करना एक बड़ा चुनौती है। क्या आप इसमें करियर बनाना चाहते है। इस पोस्ट में आप को Pharmacovigilance me career पर जानकारी मिलेगीं।
Pharmacovigilance me career
दुनिया में बढ़ते खानपान के तरीकों से नई-नई बिमारियां भी पैदा हो रही है। जिससे वैज्ञानिक नई- नई दवाइयां की खोज में लगे रहते है। इन दवाइयां के देखरेख और अन्य कई कामों के लिए एक फार्माकोविजिलेंस Pharmacovigilance की जरुरत होती है । दोस्तों आप समझ सकते है कि इस क्षेत्र में फार्माकोविजिलेंस Pharmacovigilance के प्रोफेशनल की कितनी अहमियत होती है। इस पोस्ट में हम आप को बता रहे कि फार्माकोविजिलेंस में करियर कैसे बनाएं क्या कोर्स करना पड़ता है। आइए जानते है।
What is a pharmacovigilance
दवा एक ऐसी चीज है जोकि हर रोग के उपचार में दी जाती है। दवाई बनने की प्रक्रिया में काफी समय लगता है, साइड इफेक्ट को लेकर जांच पड़ताल के बाद कही तब जा के बाजार में उतारी जाती है। इसको बनने की प्रक्रिया में एक फार्माकोविजिलेंस प्रोफेशनल का अहम रोल होता है, जोकि इस प्रक्रिया में करीब से नजर रखता है। तब जा के कही मरीज के पास दवाइयां के लिए सेवन के लिए दी जाती है।
Possibility of Career
भारत दवाइयां बनाने के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर है। भारत से वर्तमान में अमेरिका, रूस, जर्मनी, इंग्लैंड और ब्राजील सहित दुनिया के 200 से अधिक देशों को दवाईयों का निर्यात करता है। इसके साथ ही इस उद्योग में नकली दवाओं तथा कम गुणवत्ता वाली दवाओं का कारोबार भी तेजी से पनप रहा है। नकली दवाओं तथा कम गुणवत्ता वाली दवाओं के नियमन से जुड़ा फार्माकोलॉजिकल इस समय उभरता हुआ करियर क्षेत्र बन गया है।
Also read:How to Make a Career in Biochemistry
फार्माकोलॉजिकल का संबध दवाइयों की उपलब्धता, वितरण, इस्तेमाल और इससे जुड़ी समस्याओं से भी है। इसके साथ ही दवाइयों के साइडइफेक्ट को जानना भी जरूरी होता है। इस फील्ड से जुड़े लोगों को भारत के साथ दुनिया भर में रोजगार के भरपूर अवसर हैं। इस को लकेर भारत में फार्माकोविजिलेंस के करियर में अपार संभावनाए है।
Qualification
फार्माकोविजिलेंस में करियर बनाने के लिए जरूरी है कि आप दवाइयों के मरीजों पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव को जान सके। साथ ही कम्युनिकेशन स्किल भी जरूरी है क्योंकि इसमें मरीजों, चिकित्सकों, दवा विक्रेताओं, मेडिकल कंट्रोल बोर्ड आदि के संपर्क में रहना पड़ता है। फार्माकोविजिलेंस में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा दोनों तरह के कोर्स किए जा सकते हैं।
Also read: How to become an Ophthalmic Technician
फार्माकोविजिलेंस और फार्माकोइपिडेमियोलॉजी में सर्टिफिकेट कोर्स चार माह का होता है। बॉटनी, जूलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, माइक्रबायोलॉजी, जेनेटिक्स या बायोटेक से स्नातक या स्नातकोत्तर में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होने के बाद इन कोर्सों को किया जा सकता है। फार्मेसी या मेडिसिन से 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक की पढ़ाई करने वाले युवा भी इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।
Course
फार्माकोविजिलेंट में इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाया जाता है- फार्माकोविजिलेंस इन क्लिनिकल रिसर्च, रेगुलेशन इन फार्माकोविजिलेंस, बेसिक प्रिंसिपल ऑफ फार्माकोविजिलेंस, ड्रग रिएक्शन, रिस्क मैनेजमेंट इन फार्माकोविजिलेंस, मैनेजमेंट ऑफ फार्माकोविजिलेंस डाटा।
University/Institution
आईसीबीआईओ क्लीनिकल रिसर्च, बंगलूरू
आइडीडीसीआर, हैदराबाद
जीआइटीएस एकेडमी, बंगलूरू
इंस्टीट्यूट ऑफ क्लीनिकल रिसर्च, नई दिल्ली, बंगलूरू, अहमदाबाद, हैदराबाद
एंपावर स्कूल ऑफ हेल्थ, दिल्ली
Opportunities of Jobs
फार्माकोविजिलेंस का कोर्स करने के बाद दवाइयां बनाने वाली बड़ी कंपनियों में रोजगार के अवसर मिलते हैं। मेडिकल में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए अच्छा करियर अवसर है। इसमें करियर की अच्छी संभावनाएं हैं।
Salary
जॉब लगने के शुरुआत में ही वेतन करीब 15 से 20 हजार रुपए मिल सकते हैं। अच्छा अनुभव हासिल होने पर वेतन 30 से 40 हजार रुपए आसानी से हासिल किया जा सकता है। फार्माकोविजिलेंस के कोर्स सिमोजेन इंडिया या द इंस्टीट्यूट ऑफ क्लिनिकल रिसर्च, इंडिया के नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद स्थित संस्थानों से किया जा सकता है।