Nominee kya hai:- जब भी हम बैंक में सेविंग्स अकाउंट (Saving Account) खोलते हैं, म्युचुअल फंड (Mutual Fund) में इन्वेस्ट (Investment) करते हैं, प्रॉपर्टी/शेयर (Property and share) खरीदते हैं या फिर जीवन बीमा (Life Insurance ) करवाते हैं, तो फॉर्म में नॉमिनी (Nominee) का जिक्र जरुर होता है। जिससे की इन अकांइट को खोलते समय ‘नॉमिनी’ अपॉइंट करना होता है।
नॉमिनी के बारे में जानकारी के लेकर कंनफ्यूज हो जाते है। नॉमिनी के लोगों को तरह-तरह के गलतफहमी होती है। ऐसे में आप के लिए नॉमिनी के बारें में जानना जरुरी हो जाता है। जिससे का आप को भी इसके बारे में सही जानकारी के बारे में पता चल सके। सबसे बड़ी नॉमिनी के बारे में क्या लॉ है उसके बारे में भी हम इस लेख में जानेगें।
Nominee kya hai/ जानिए आसान भाषा में…
किसी व्यक्ति के लाइफ का केंद्र बिंदु उसका परिवार ही होता है। उसकी हरेक गतिविधि परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए होती है। परिवार का फ्यूचर सुरक्षित हो, इसके लिए ही वह बैंक में जमा पूंजी बनाता है, इन्शुरन्स कराता है। जब भी आप प्रॉपर्टी, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड्स, बैंक डिपॉजिट्स आदि में निवेश करते हैं, तो आपसे नॉमिनी का नाम पूछा जाता है।
बैंक, बीमा समेत अन्य आवेदन करते वक्त आपको एक फॉर्म दिया जाता है, जहां आप अपने नॉमिनी के बारे में जानकारी दे सकते हैं। लेकिन क्या नॉमिनी आपकी संपत्ति का वारिस भी होता है? कई लोगों को लगता है कि हम जिसे नॉमिनी बनाते हैं, वही हमारा उत्तराधिकारी भी होता है।
लेकिन ऐसा नहीं है। उत्तराधिकारी और नॉमिनी में बेहद अंतर है नॉमिनी सिर्फ आपके पैसों का केयरटेकर होता है, न कि मालिक। तो फिर क्यों जरूरी है नॉमिनी बनाना और क्या हैं उसके अधिकार, आइए जानते हैं नॉमिनी से संबधित वेरी इंपोर्टेट इनफॉरमेशन के बारें में…
Nominee kya hai/ कौन होता है नॉमिनी?
कानूनन नॉमिनी वह व्यक्ति है, जो आपकी मृत्यु के बाद बैंक, कंपनी से मिली रकम को आपके कानूनी वारिसों तक पहुंचाता है। वह कानूनन उस रकम का मालिक नहीं होता, सिर्फ एक ट्रस्ट होता है। नॉमिनी सिर्फ आपके पैसों का केयरटेकर होता है, न कि मालिक। ऐसे में जानना जरूरी है कि नॉमिनी और उसके अधिकार क्या हैं।
चाहे कोई बीमा कंपनी की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में नॉमिनी हो या बैंक अकाउंट में, नॉमिनी होना अपने आप में मालिकाना हक नहीं देता है। अगर अकाउंट होल्डर ने किसी को नॉमिनी बनाया है या इंश्योरेंस पॉलिसी में बीमाधारक ने किसी को नॉमिनी बनाया तो वह नॉमिनी सिर्फ लेनदेन की सहूलियत के लिए है।
नॉमिनी होने का मतलब यह नहीं है कि वह शख्स उस बैंक अकाउंट के पैसे या बीमा रकम का मालिक हो गया। अगर बैंक अकाउंट होल्डर ने कोई वसीयत नहीं की हुई है या बीमाधारक की कोई वसीयत नहीं है तो रकम तमाम कानूनी वारिसों में बराबर बंटेगी।
कौन होता है उत्तराधिकारी?
संपत्ति के मालिक की मृत्यु के बाद उसके संबंधियों को संपत्ति सौंप दी जाती है। जन्म ग्रहण करने के साथ-साथ पैतृक संपत्ति पर उत्तराधिकार प्राप्त होता है। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के अनुसार पुत्र, पुत्री, विधवा, मां क्लास-1 उत्तराधिकारी में आते हैं। वहीं पिता, पुत्र व पुत्री का बेटा व बेटी, भाई, बहन, भाई व बहन की संतान क्लास-2 में आते हैं।
आखिर क्यों जरुरी नॉमिनी बनाना?
संपत्ति के मालिक को किसी न किसी को नॉमिनी जरूर बनाना चाहिए। वरना अन्यथा मृत्यु होने के बाद कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं। अगर नॉमिनी का नाम न हो तो जमा राशि पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
इसके लिए कानूनी कार्रवाई काफी लंबी होती है। नियम के तहत नॉमिनी का मालिकाना अधिकार नहीं होता। नॉमिनी सिर्फ बैंक से पैसे निकाल सकता है और उसके लिए उसे अधिकृत किया गया है।
क्या है क्लास-1 और क्लास-2 उत्तराधिकारी में अंतर?
अगर किसी ने अपनी कमाई बैंक में जमा की हुई है और खाते में किसी को नॉमिनी बनाया है, लेकिन अपनी संपत्ति की वसीयत नहीं की है, तो ऐसी स्थिति में शख्स की मौत हो जाने पर नॉमिनी बैंक से पैसे निकालकर क्लास-1 उत्तराधिकारी को देता है। सभी क्लास-1 उत्तराधिकारियों का पैसे पर बराबर का हक होता है। लेकिन अगर क्लास-1 उत्तराधिकारियों में से कोई नहीं है, तो क्लास-2 उत्तराधिकारियों में बंटवारा किया जाता है।
देश में उत्तराधिकार के अधिनियम
- हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत बेटा, बेटी, विधवा, मां, पहले मर चुके बेटे की संतान, पहले मर चुकी बेटी के संतान और बेटे की विधवा क्लास-1 उत्तराधिकारी में आते हैं। क्लास-2 में पिता, बेटे व बेटी का बेटा, बेटे व बेटी की बेटी, भाई, बहन, भाई की संतान, बहन का बेटा और बेटी क्लास-2 में आते हैं।
- अगर मृतक मुस्लिम है तो शरीयत कानून 1937 के हिसाब से संपत्ति का वारिस तय होगा।
- क्रिस्चन के मामले में वारिस आमतौर पर भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम 1925 के तहत तय होता है। इसके तहत पति, पत्नी, बेटे और बेटियां वारिस माने गए हैं।