Neo bank kya hai:- हाल ही बर्षों में, फिनटेक में नियोबैंकिंग का नाम सामने आया है। नियोबैंकिंग में कई कंपनिया अपने बिजनेस को कर रही है। नियोबैंकिंग को लेकर आप मन कई सारे सवाल होगें। इस लेख में what is neo bank के तहत हम जानने वाले है what is neo bank , neo bank work, , first & neo bank in india, how to open account in neo bank आज के बारे में जानने वाले है।
आज के दौर का बैंकिग सिस्टम के बारे में जो कि आप को बिना समय गवाए, आप के बैकिंग से जुड़े काम किये जाते है। खास बात यह है कि आप को किसी बैंक के ब्रांच भी जाने की जरुरत नहीं पड़ती है। अगर आप तकनीक को सही से यूज कर पाते है तो यह आप के लिए सही हो सकती है। बैंकिंग फील्ड में कई नए सिस्टम आते रहते है तो इसके बारे में आप को जरुर जानना चाहिए एक नियोबैंक क्या है? इसके बारे जानते है सब कुछ वो भी आसान भाषा में
What is Neo Bank Banking?
हाल ही सालों में फिनटेक के तहत में नियोबैंकिंग एक चर्चा का विषय बन गया है। खास बात यह है कि कोविड-19 के चलते इस तरह के बैंकिंग की सर्विस में और बढ़ोतरी देखी गई है। आप ने न्यूज पेपर, बुक्स आदि जगहों पर इस शब्द को जरुर पढ़ा होगा। नियोबैंकिंग समाचार और मीडिया पर सुर्खियों में आने के बाद से इस शब्द ने गति पकड़ी है। लेकिन क्या हम जानते हैं कि यह सब क्या है?
लगातार टेक्नोलॉजी बदल रही है ऐसे में बैंकिंग सेक्टर भी पीछे नहीं है पहले घंटों लाइन में लगने के बाद में बैंक से अपने पैसे को निकाल पाते थे लेकिन अब ये काम चुटकियों में हो जाता है। आज के समय आप को ब्रांच भी जाने की जरुरत नहीं पड़ती है। वैश्विक लेवल पर नियोबैंक फिनटेक उद्योग पर कब्जा कर रहे हैं। मार्केट में हर दिन ऐसा आ रही है जिससे की प्राथमिक उद्देश्य वित्तीय सेवाओं को अधिक से अधिक सरल बनाना है। आइए समझते हैं कि नियोबैंकिंग (what is neo bank) वास्तव में क्या मतलब है।
What is Neo Bank/ Neo Bank kya hai?
सबसे पहले आइए जानतें है अखिर क्या है नियोबैंकिंग जिससे बैंकिंग से जुड़े काम को घर बैठे निपटाया जा सकता है। एक नियोबैंक एक तरह का डिजिटल बैंक है जिसकी कोई शाखा नहीं है। किसी विशेष स्थान पर भौतिक रूप से प्रजेंट होने के बजाय, नियोबैंकिंग पूरी तरह से ऑनलाइन है। इस बैंकिंग से एकांउट खोलने से लेकर सभी काम को ऑनलाइन किया जाता है।
हालांकि भारत में नियमों के अनुसार 100 प्रतिशत डिजिटल बैंकों की अनुमति नहीं है, इसलिए इन नियो बैंकों को फिनटेक कंपनियों के रूप में भी जाना जा सकता है। ऐसा कहा जा सकता है कि एक ऐसी बैंकिंग सेवा जो यह फाइनेंस सर्विस के लिए एक ही छत के नीचे प्रोवाइड की जाती है। खास कर जो आज के टेक्नोलॉजी-प्रेमी कस्टमर अपने ओर आकर्षित करती है। नियो बैंक केवल ऑनलाइन मौजूद हैं। नियो बैंकिंग में मोबाइल बैंकिंग पर फोकस किया जाता है।
फिनटेक स्टार्टअप्स जो नियो बैंक के नाम से डिजिटल बैंकिंग की सुविधा मुहैया करा रहे हैं वो परंपरागत बैंकों के मुकाबले बेहतर सेवा देने की कोशिश कर रहे हैं। Neobanks जो डिजिटल और मोबाइल-फर्स्ट वित्तीय समाधान भुगतान और मनी ट्रांसफर, मनी लेंडिंग और बहुत कुछ प्रदान करती हैं।
इसमें सभी सेवाएं मोबाइल एप के जरिये मिलती है। नियो बैंक मोबाइल फर्स्ट दृष्टिकोण अपनाते हैं, यानी ये सभी सेवाएं मोबाइल के जरिए देते हैं और डिजिटल ऑपरेटिंग मॉडल पर जोर देते हैं।
Neobanks के पास स्वयं का कोई बैंक लाइसेंस नहीं है, लेकिन बैंक लाइसेंस प्राप्त सेवाएं प्रदान करने के लिए बैंक भागीदारों पर भरोसा करते हैं। जैसे-जैसे टैक्नोलॉजी डेवेलप हो रही है ठीक ऐसे बैंकिंग सेवाएं भी अन्य फाइनेंस सेवाओं के साथ मिल सकती हैं। तकनीक के आने से पारंपरिक बैंकों से हटकर लोग Neobanks को अपना रहे है।
Neo bank work
पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली के उलट, नियोबैंक का पूरी तरह से अलग बिजनेस मॉडल है। लेकिन, पारंपरिक बैंकों की तरह, नियोबैंक पैसे की कामाई और उधार के बीच मामूली रूप से पैसा कमाते हैं।
चूंकि नियोबैंक की कोई फीजिलकल शाखा नहीं है और वे पूरी तरह से ऑनलाइन हैं, इसलिए ग्राहक शुल्क में एक महत्वपूर्ण राशि की कटौती की जाती है। क्योंकि Neobanks ग्राहक-केंद्रित हैं, वे अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत सेवाएं प्रदान करते हैं जिन्हें टेक्नोलॉजी के माध्यम से सक्रिय किया जाता है।
नियो बैंकिंग के तहत स्टार्टअप्स व्यक्तिगत बैंकिंग समाधान उपलब्ध करा रहे हैं। वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये ग्राहकों के खर्च का विश्लेषण करके रिपोर्ट तैयार करते हैं। इसके बाद वह ग्राहकों को समझदारी से खर्च और बचत करने की सलाह देते हैं। इतना ही नहीं, भविष्य में वित्तीय गलतियों को सुधारने के टिप्स भी मुहैया कराते हैं।
Neo bank in India
भारत में नियमों के अनुसार 100 प्रतिशत डिजिटल बैंकों की अनुमति नहीं है, इसलिए इन नियो बैंकों को फिनटेक कंपनियों के रूप में भी जाना जा सकता है। ऐसे में ये कंपनियां ट्रेडिश्नल बैंकों के साथ टाई-अप करके बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करती हैं और एक टेक्नोलॉजी आधारित बैंकिंग सिस्टम चलाती हैं, जो तेज, कस्टमर फ्रेंडली और कम लागत वाला होता है।
देश में RazorpayX, Open, Epifi, Payzello, Yelo, InstantPay, , Niyo जैसे स्टार्टअप हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और दूसरी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बेहतर बैंकिंग सॉल्यूशन पेश करने के लिए पारंपरिक बैंकों के साथ साझेदारी कर रहे हैं।
भारतीय स्टेट बैंक यानि एसबीआई के पास YONO सिस्टम है, जो पूरी तरह से ऑनलाइन ऑपरेट करता है और नियो बैंक मॉडल के काफी समान है। इससे किसी कस्टमर के बैंक ब्रांच जाने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है। ऐसे डिजिटल बैंक अक्सर किसी स्थापित इकाई की सब्सिडरी के रूप में ऑपरेट करते हैं।
नियोबैंकिंग के क्या फायदे हैं?
- परेशानी मुक्त खाता खोलना :- एक पारंपरिक बैंक में खाता बनाने के लिए हमें जिस दर्द से गुजरना पड़ता है, उससे हम सभी पूरी तरह वाकिफ हैं। नियोबैंकिंग में खाता को खोलने के लिए आप को पल भर का समय लगता है। आप नियो बैंक से जुड़ी दे रही सेवाओं की बेवसाइट पर जाए। यहां पर खाता खोलने के सेक्शन में जाए इसके बाद में यहां मांगी जानकारी को फिल करें, और आगे के स्टेप को पूरा करें।
- सभी खातों को एक एप से जोड़ना:-नियो बैंक एप आपको अपने सभी बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड को एक साथ लिंक करने की फेसिलिटी प्रदान करता है। इस तरह आप अपने खर्च और सेविंग को आसानी से मैनेज कर पाते हैं। नियो बैंक आप को इस तरह के जानकारी से अलर्ट करता रहता है।
- एआई के जरिये विश्लेषण:- नियो एप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये विश्लेषण कर खर्च, बचत और निवेश की सलाह मुहैया करता है। जिससे की कस्टमर का काफी समय की बचत होती है।
- इमरजेंसी फंड जमा करने की फेसिलिटी:- कई नियो बैंक एप आपातकालीन फंड बनाने की सुविधा भी देते हैं। आप अपने गोल के अनुसार महीने में एक तय रकम इमरजेंसी फंड के लिए आसानी से जमा कर सकते हैं।
- रिमाइन्डर और नोटिफिकेशन:- यह एप आपको बिल भुगतान की डेट, सब्स्क्रिप्शन रद्द करने का एलर्ट, रिफंड को ट्रैक करने आदि का नोटिफिकेशन समय-समय पर भेजता रहता है। इसके साथ ही तमाम तरह के बिल पेमेंट का ऑप्सन भी इस एप से मिलता है।
- अंतर्राष्ट्रीय भुगतान:- पारंपरिक बैंकों के मामले में, ऐसा हमेशा नहीं होता है कि हमें एक डेबिट कार्ड मिलता है जिसका उपयोग दुनिया में कहीं भी किया जा सकता है, या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन किया जा सकता है। हमें अपग्रेड के लिए पूछना पड़ सकता है, बैंक से परमिशन लेनी पड़ती है और अंत में एक अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड प्राप्त करना पड़ सकता है।यदि आपके पास एक नियोबैंक में खाता है तो आपको इसके बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। आप अपने कार्ड का उपयोग खरीदारी करने या विदेश में रहने के दौरान मौजूदा विनिमय दरों के साथ लेन-देन करने के लिए कर सकते हैं।7. Neobanks ऐप की बेहतरीन इंटरफ़ेस:- Neobanks एक उत्कृष्ट ग्राहक अनुभव प्रदान करने के बारे में हैं। इसका मतलब यह भी है कि आपको अब एक गड़बड़ नेटबैंकिंग साइट के माध्यम से काम नहीं करना पड़ेगा। आपको ऐसे मोबाइल ऐप के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है जो बहुत प्रतिक्रियाशील नहीं है। Neobank ऐप्स बहुत ही क्लीन और यूजर फ्रेंडली हैं। वे अत्यधिक प्रतिक्रियाशील हैं और आवश्यकताओं के अनुरूप अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए हैं
इन बैंकों खाता में खुलवाएं या नहीं
इन बैंकों खाता में खुलवाना है या नहीं ये पूरी तरह से आप निर्भर करता है। वैसे नियो बैंक तकनीकी समझ रखने वालों ग्राहकों के लिए हैं। यदि आप इन तकनीक आधारित, तेज़ और नए जमाने के बैंकिंग मॉडल को पसंद करते हैं तो आप बतौर टेस्टिंग खाता खोल कर छोटे लेन-देन शुरू कर सकते हैं।
डिजिटल बैंकिंग बढ़ने के साथ बढ़ते फर्जीवाड़ा से अपने ग्राहकों की सुरक्षा करने के लिए फिनटेक स्टार्टअप्स बैंक-स्तरीय सुरक्षा, धोखाधड़ी-रोधी और एन्क्रिप्शन प्रणालियों का यूज करते हैं। इसके बावजूद जानकारों का कहना है कि टेक्नोलॉजी की अच्छी समझ रखने वाले व्यक्तियों को ही नियो बैंक में खाता खोलना चाहिए। जिससे की आप को इसे ऑपरेट करने में कोई दिक्कत ना उठानी पड़े।
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नियोबैंक किसी मौजूदा पारंपरिक कमर्शियल बैंक के साथ भागीदारी में ऑपरेट करते हैं, जो आरबीआई की निगरानी में होते हैं। ये नियो बैंकों को परंपरागत बैंकों का समर्थन मिलता है, बदले में ये उन्हें अत्याधुनिक तकनीकी जानकारी, बल्क ट्रांजेक्शन प्रोसेस करना, सिस्टम में विफलताओं की पहचान करना, भुगतान शेड्यूल को ऑटोमेटिक करना जैसी फेसिलिटी देते हैं।
कमियां
बेशक, बैंकिंग की यह नई स्टाइल सभी के लिए आकर्षक नहीं होगी, और समझ में आता है। बिना किसी भौतिक शाखा में जाने का कमी यह है कि आप अपने बैंक के किसी व्यक्ति से आमने-सामने बात नहीं कर सकते। स्टाफ के किसी सदस्य से व्यक्तिगत रूप से बात करने से संबंध और विश्वास का स्तर बनता है जिससे इस बैंकिंग में यह हासिल करना मुश्किल होगा।
नियोबैंक पारंपरिक बैंकों की तुलना में कम regulated होते हैं और कुछ कानूनी शर्तों में वास्तविक बैंक नहीं माने जाते हैं। यह सुनिश्चित करना ग्राहक की जिम्मेदारी है कि वे एक ऐसा बैंक चुनते हैं जो जमा बीमा का एक रूप प्रदान करता है । ऐसे में इसके कुछ कमियां है।