Mycology me Career Kaise Banaye: आज के समय में हर स्टुडेंट चाहता है कि ऐसे में करियर फील्ड में जाया जाए जिसमें कम्टिशन कम हो, सैलरी अच्छी खासी हो और रिसर्च करने को खूब मिले, तो आप के लिए हम यहां पर ऐसे करियर फील्ड के बारे में जानकारी लाए हैं। जिससे आप करियर बनाने के बारे में सोच सकते हैं, आज के इस लेख में हम बात करने वाले है, माइकोलॉजी में करियर कैसे बनाए (Mycology me Career Kaise Banaye)। इस करियर ऑप्सन के बारे में जानकारी के लिए इस लेख को लास्ट तक जरुर पढ़ें।
Mycology me Career Kaise Banaye
माइकोलॉजी विज्ञान जो कवक यानि फंगस का अध्ययन करता है जिसे हम कवक विज्ञान यानि mycology भी कहते हैं। माइकोलॉजी के अध्ययन से संबंधित जीव विज्ञान की शाखा है, जिसमें उनके genetic and biochemical properties, उनके वर्गीकरण और ह्यूमन के लिए उनका उपयोग शामिल है।
Mycology क्या है?
कवक विज्ञान यानि माइकोलॉजी के जनक की हम अगर बात करें तो हेनरिक एंटोन डी बेरी को माइकोलॉजी के पिता और प्लांट पैथोलॉजी (फाइटोपैथोलॉजी) के पिता के रूप में जाना जाता है। हेनरिक एक जर्मन वनस्पतिशास्त्री, सूक्ष्म जीवविज्ञानी और माइकोलॉजिस्ट थे और उन्होंने कवक की भूमिका और बीमारी पैदा करने में उनकी भूमिका के लिए शोध किया था।
आप को बता दें कि माइकोलॉजी कवक का अध्ययन है, माइको शब्द ग्रीक माइक से लिया गया है जिसका अर्थ है “मशरूम, कवक”।
माइकोलॉजी, कवक का अध्ययन किया जाता है। जिसके एक समूह में मशरूम और यीस्ट शामिल हैं। दोस्तों आप को बता दें कई कवक दवा और उद्योग में उपयोगी होते हैं। जिसका प्रयोग किया जाता है। अगर आप भी इसमें करियर बनाते हैं जो इस तरह के स्टडी कर सकते हैं। यहां पर माइकोलॉजी के बारे में और डिटेल्स से समझाते हैं।
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Food Chemist kaise bane/How to be a Food Chemist?
माइकोलॉजिस्ट कवक के गुणों का अध्ययन करते हैं, जैसे उदाहरण के लिए, मशरूम, मोल्ड्स, ट्रफल्स, यीस्ट और लाइकेन। माइकोलॉजिस्ट यह भी अध्ययन करते हैं कि कवक का उपयोग समाज को लाभ पहुंचाने के लिए कैसे किया जा सकता है (उदाहरण के लिए, भोजन या पर्यावरण में) और कवक के खतरे मौजूद हो सकते हैं।
मानव ने धरती पर ऐसे कई पोलूशन को फैला रखा जिसमें प्लास्टिक भी शामिल है आज के समय में लाखों टन प्लास्टिक का कचरा हो गया जिसमें कम ही रिसाइकिल हो रहा है। वैज्ञानिकों ने कुछ सालों पर पहले ऐसे ऐसा मशरूम खोजा है जो प्लास्टिक खाता है। ये प्लास्टिक खाकर जैविक पदार्थ बनाता है। यानी भविष्य में प्लास्टिक के कचरे से निजात मिल सकता है
इस मशरूम का नाम है पेस्टालोटियोप्सिस माइक्रोस्पोरा (Pestalotiopsis microspora). ये मशरूम प्लास्टिक बनाने वाले पदार्थ पॉलीयूरीथेन (Polyurethane) को खाकर जैविक पदार्थ में बदल देता है. वह भी प्राकृतिक तरीके से यानी भविष्य में प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति पाने के लिए इस मशरूम का उपयोग ज्यादा से ज्यादा किया जा सकता है। क्यों ना कमाल के ये करियर का फील्ड अपना भविष्य बनाया (Mycology me Career Kaise Banaye) जाए तो चलिए आप को इसके बारे में बताते हैं।
आप को बता दें कि माइकोलॉजी का फील्ड सीमित नहीं इसका का विस्तार काफी बड़ा है, जिससे इसमें करियर के कई मौके है। हालांकि जानकारी ना होने के वजह से इसमें स्टूडेंट करियर नहीं (Mycology me Career Kaise Banaye) बना पाते हैं।
माइकोलॉजिस्ट वे सभी प्रकार के फंगस का अध्ययन करते हैं और यह पता लगाते हैं कि फंगस मनुष्यों, पौधों और जानवरों को कैसे प्रभावित करता है। 1800 के दशक तक, यह माना जाता था कि कवक केवल एक अलग प्रकार का पौधा था। 1800 के दशक के मध्य तक, माइक्रोस्कोप का आविष्कार किया गया था, और यह पता चला कि कवक की विशिष्ट विशेषताएं थीं, जो पौधों और पशु कोशिकाओं दोनों से अलग थीं। माइकोलॉजी शब्द 1836 में एमजे बर्कले द्वारा एक पेपर में सबसे पहले यूज किया गया था
कवक का उपयोग कई उत्पादों जैसे वाणिज्यिक रसायनों, दही, एंटीबायोटिक्स, विटामिन आदि में किया जाता है। इसलिए यह माइकोलॉजी स्टडी और रिसर्च किए जाने वाले मुख्य डोमेन में से एक बन जाता है। मेडिकल माइकोलॉजी फंगस जीवों का अध्ययन है जो मनुष्यों में बीमारी का कारण बनते हैं।
माइकोलॉजिकल रिसर्च ने पेनिसिलिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन और टेट्रासाइक्लिन जैसी एंटीबायोटिक दवाओं के साथ-साथ स्टैटिन (कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं) सहित अन्य दवाओं के विकास को प्रेरित किया है। माइकोलॉजी के डेयरी, वाइन और बेकिंग उद्योगों और रंगों और स्याही के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण अनुप्रयोग हैं।
बता दें कि कवक हमारे चारों ओर मौजूद हैं… वे हमारे भोजन और फर्नीचर को सड़ाते हैं, हमारे पौधों को मारते हैं, और जैसे आदि कामों में होता है। तो वही हरित दुनिया में कवक एक बड़ी भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे जटिल कार्बनिक पदार्थों को कार्बन डाइऑक्साइड में तोड़ने और रेडियोधर्मी कचरे को कम करने में मदद करते हैं। कुछ प्रकार के कवक जैसे मशरूम खाने योग्य होते हैं और इनका उपयोग तरह-तरह के व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है।
अब तक, कवक की लगभग 70,000 प्रजातियों की खोज की जा चुकी है; हालाँकि, यह अनुमान लगाया गया है कि अभी तक कम से कम 1.5 मिलियन प्रजातियों की खोज नहीं की गई है। ऐसे में इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। एक माइकोलॉजिस्ट कवक के साथ सहयोग करता है, जो जीवित जीव हैं जैसे मोल्ड, खमीर और मशरूम। मशरूम की तरह खाद्य कवक के उत्पादन के लिए माइकोलॉजिस्ट उन्नत तकनीक विकसित कर सकते हैं।
Mycology me career kaise banaye
माइकोलॉजिस्ट बनने या फिर माइकोलॉजी में करियर बनाने के लिए आप को माइकोलॉजी की पढ़ाई करनी (Mycology me Career Kaise Banaye) पड़ेगी। जिसके लिए आप को बैचलर डिग्री के लिए विज्ञान स्ट्रीम में अपनी पढाई करनी होगी पूरी करनी होगी। जिसमें जीव विज्ञान मुख्य विषयों होना चाहिए।
मास्टर डिग्री प्रोग्राम करने के लिए वनस्पति विज्ञान या इससे संबंधित किसी भी क्षेत्र में बैचलर डिग्री धाकड़ कैडिडेंट एडमिशन ले सकते हैं।
देश में कुछ यनुवर्सिटी और संस्थान वनस्पति विज्ञान में डिग्री कोर्स के लिए एंट्रेंस एक्जाम आयोजित करते हैं, जिसके लिए छात्र-छत्राओं को इन कॉलेज/विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए अच्छे मार्क की आवश्यकता होती है। तो चलिए यहां पर आप को बताते हैं माइकोलॉजी में पॉपूलर कोर्स के बारे में जो आप कर सकते हैं।
माइकोलॉजी अध्ययन का एक अत्यधिक विशिष्ट क्षेत्र होने के कारण भी माइकोलॉजी में ग्रेजुएट स्तर पर कई समर्पित कोर्स नहीं हैं। यही इसका सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। इस फील्ड में जीव विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव रसायन आदि के अधिकांश कोर्स का इस क्षेत्र में स्टडी करते हैं। हालांकि आप को बता दें कि ऐसे स्टूडेंट जो माइकोलॉजी में करियर बनाना (Mycology me Career Kaise Banaye) चाहते हैं तो हम यहां पर आगे बता रहें ऐसे सभी प्रमुख बैचलर्स, मास्टर्स और डॉक्टरेट की डिग्री के बारे में जिन्हें आप कर सकते हैं।
माइकोलॉजी में बैचलर्स कोर्स
- BSc in Plant Sciences – Plant pathology and plant-Microbe Biology BSc (Agriculture and
- Environmental Science) – plant biology
- BSc in Microbiology
- BSc in Biological Sciences (सामान्य)
- Bachelor of Science in Forest Health
- BSc in Genetics (ऑनर्स)
- BSc in Botany
- BSc in Biological Science Education
- Bachelor of Arts in Biology– microbiology
- BSc in Medical Laboratory Science
- BSc in Biodiversity and Conservation
माइकोलॉजी में मास्टर्स कोर्स
- MSc in Plant Science
- Master of Professional Studies in Forest Pathology and Mycology Immunology of
- Infectious Diseases (MSc)
- MSc in Plant Pathology
- MSc in Food Science
- MSc Microbiology
- MSc/PGDIP Medical Microbiology
- MSc in Tropical Medicine
- Integrated MSc Pest Management
- MRS Medical Mycology and Fungal Immunology
माइकोलॉजी में डॉक्टरेट कोर्स
- Doctor of Philosophy in Microbiology and Immunology
- Doctor of Philosophy in Applied Microbiology
- Doctor of Philosophy in Forest Pathology and Mycology
- Doctor of Philosophy in Molecular Microbiology and Immunology – Mycology
- Molecular Biology, Doctor of Philosophy in Microbiology and Biochemistry
- Doctor of Philosophy in Plant Pathology
- Doctor of Philosophy in Toxicology – plant Pathology PhD Medical Mycology
- Doctor of Philosophy in Food Science Arctic Mycology (PhD)
देश में माइकोलॉजी से संबधित कम कोर्स ही संचालित हो रहे हैं, हालांकि आप को बता दें कि अगर आप अपने एजुकेशन के लिए अच्छा खर्च करना (Mycology me Career Kaise Banaye) चाहते है, यानि आप के फैमली स्पोर्ट अच्छा है जिससे विदेश में पढ़ाई करने की सोच सकते हैं। विदेश में माइकोलॉजी की पढ़ाई करने के लिए कई टॉप यूनिवर्सिटी मिल जाएगी। यहां पर बताए गए कुछ कोर्स विदेशी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिसे आप कर सकते हैं।
देश में माइकोलॉजी के लिए टॉप कॉलेज
ऐसे कई कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं, जहां से आप माइकोलॉजी की पढ़ाई कर सकते हैं। भारत में माइकोलॉजी के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय यहां पर आप को बताते हैं।
- रामजस कॉलेज
- हंसराज कॉलेज
- गार्गी कॉलेज
- हिंदू कॉलेज
- मिरांडा हाउस
ऐसे स्टूडेंट जो माइकोलॉजी में करियर में बनाना चाहते हैं तो अपने पंसदीदा विश्वविद्यालय में चेक कर सकते हैं यहां पर बताए गए कोर्स में कौन सा कोर्स संचालित हो रहा है, जिसे आप कर सके हैं।
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माइकोलॉजी में करियर प्रोफाइल
जीव विज्ञान में एक करियर के रूप में अपार संभावनाएं हैं, बैचलर्स खाद्य विज्ञान से लेकर क्लिनिक्ल और मेडिकल रिसर्च तक कई क्षेत्रों में माइकोलॉजी में जॉब्स के अवसरों मिल सकते हैं इस फील्ड में आप को सरकारी से लेकर प्राइवेट कंपनियों में ये नौकरी के अवसर हो सकते हैं। इन अवसरों को पाने के लिए आप को इसमें काफी कुछ इंटरनेट (Mycology me Career Kaise Banaye) पर डीटेल्स से पढ़े सकते हैं।
- एसोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट/बायोलॉजिस्ट (Associate Research Scientist/Biologist)
- माइकोलॉजी माइक्रोबायोलॉजिस्ट सुपरवाइजर (Mycology Microbiologist Supervisor)
- वरिष्ठ माइक्रोबायोलॉजिस्ट (senior microbiologist)
- जीवाणुतत्ववेत्त (microbiologist)
- प्लांट पैथोलॉजिस्ट (plant pathologist)
- नैदानिक प्रयोगशाला वैज्ञानिक (clinical laboratory scientist)
- प्लांट पैथोलॉजिस्ट (plant pathologist)
- क्लिनिकल पैथोलॉजिस्ट / क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट (Clinical Pathologist / Clinical Microbiologist)
- अनुसंधान प्राणी विज्ञानी/सूक्ष्म जीवविज्ञानी, पशु चिकित्सा अधिकारी (Research Zoologist/Microbiologist, Veterinary Officer)
- सार्वजनिक स्वास्थ्य माइक्रोबायोलॉजिस्ट (public health microbiologist)
माइकोलॉजी के क्षेत्र में वेतन
माइकोलॉजी में पढ़ाई करने के बाद में जॉब्स के कई करियर प्रोफाइल मिलते हैं , जिससे में आप की स्किल और स्पेलाइजेशन हो तो इसमें जा सकते हैं। माइकोलॉजी की सैलरी 4 से 5 लाख से शुरुआती सैलरी मिल सकती है।इसके साथ में इसमें कई करियर ऑप्सन मिलते हैं। जिसकी सैलरी यहां पर नीचे बताई गई है। ये सैलरी शुरुआती दौर में मिल सकती है।
- प्लांट बायोकेमिस्ट 3 लाख से 5 लाख सालाना
- टैक्सोनॉमिस्ट 4 लाख से 7 लाख सालाना
- मॉर्फोलोजिस्ट 3 लाख से 5 लाख सालाना
- प्लांट फिजियोलॉजिस्ट 6 लाख से 10 लाख सालाना
- एनवायर्नमेंटल साइंस 4 लाख से 7 लाख सालाना