Machine learning kya hai: अभी तक आप ने मशीन लर्निंग के बारे में जरुर सुना होगा। अगर आप नहीं जानते हैं की मशीन लर्निंग क्या होता है तो इस ब्लॉग में में हम Machine Learning जानेंगे की ये क्या होता है और कैसे काम करता है, और इससे संबधित इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन के बारे में Machine Learning से रिलेटिड इंफॉर्मेशन के लिए इस ब्लॉग को पूरा ज़रूर पढ़े ताकि आप अच्छे से मशीन लर्निंग के बारे में जान पाएं।
Machine learning kya hai?
मशीन लर्निंग Artificial Intelligence (Machine learning kya hai ) का छोटा सा हिस्सा है, आज के समय में मशीन लर्निंग (Machine Learning) दुनिया की सबसे trending Technologies में से एक है। गूगल से लेकर फेसबुक तक सभी बड़ी-बड़ी Tech Companies मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करतीं हैं। मशीन लर्निंग के कारण यें कपनियों इतने बड़ें मुकाम पर पहुचीं है।
आप इसे उदाहरण के तौर ऐसे समझ सकतें है जो भी आप गूगल पर जो भी search करते हैं, गूगल आपके डाटा को लेता है और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके आपको उसी के हिसाब से search result और Ads दिखाता है। मशीन लर्निंग से इन कंपनियों का इतना आसान हो गया है। अब ये तो गूगल का कोई Employee नहीं करेगा क्योंकि इसके तो करोड़ों यूज़र है और इसके लिए ना जाने कितने Employee की जरुरत पड़ेगी।
यहां पर एक और एक्जामल से समझ सकतें है, (Machine Learning in Hindi) जैसे आप YouTube पर जिस कैटागरी में विडियों सर्च करतें या देखतें है उसी टाइप का वीडियो यूट्यूब भी आपको Recommend करता है। ऐसे Task को करने के लिए मशीन लर्निंग का ही इस्तेमाल किया जाता है जो आपके होमपेज को कस्टमाइज़ करता है और आपके ही Searches और एक्टिविटी के अनुसार आपको वीडियो Suggest करता है।
मशीन लर्निंग सिस्टम का (Machine Learning in Hindi) काम होता है इनपुट डाटा को लेना और उससे कुछ सीखकर आउटपुट देना। मशीन लर्निंग में मशीन यानी Computer Program को Input डाटा देकर Trained किया जाता है की किस तरह का Output Predict करना है।
History of Machine Learning in Hindi / मशीन लर्निंग का इतिहास
किसी भी इनोवेशन का इतिहास बड़ा दिलचस्प होता है। Machine Learning के इतिहास पर नजर डालें तो, आज भले ही मशीन लर्निंग काफी Advance हो गया है और मशीन लर्निंग काफी से हमारा समय बचा रहा है। लेकिन आज 71 साल पहले ही मशीन लर्निंग का विचार ब्रिटश के गणितज्ञ AlanTuring के दिमाग में आ गया था।
- साल 1950 में AlanTuring को यह विचार आया की क्या मशीन भी हम इंसानों की तरह सोच सकते हैं, इसके बाद उन्होंने The Imitation Game को बनाया।
- साल 1952 में कंप्यूटर वैज्ञानिक Arthur Samuel ने IBM कंपनी में एक गेम बनाया जिसका नाम था सेवन चेकर्स इसमें वह गेम में खास बात थी ये गेम खुद ही Learn करके बेहतर बन रहा था।
- साल 1958 में कंप्यूटर प्रोग्रामर Frank Rosenblatt ने एक Perceptron नाम का एक Algorithm बनाया यह Algorithm Pattern को कैप्चर करता था और Pattern Recognize करता था। आज के Finger print lock और Face lock इसी सिद्धांत पर काम करते हैं।
- साल 1979 में Stanford University के कुछ लोगों ने मिलकर एक रोबोट बनाया जिसका नाम था Stanford cart। इसकी ख़ास बात यह था की इसके रास्ते में आने वाले हर चीज़ को यह Detect करके अपना रस्ता बदल सकता था।
- साल 1985 में Terry Sejnowski नामक कंप्यूटर प्रोग्रामर ने Net Talk नामक एक प्रोग्राम बनाया इसकी ख़ास बात यह थी की यह प्रोग्राम खुद से ही इंग्लिश के Word को सीख सकता था और बोल भी सकता था। बाद में इसमें बहुत सारे बदलाव हुए और आज बड़ी टेक कंपनियों Machine Learning को बड़े स्तर पर यूज कर रहीं है। और लोगों के लाइफ पर Machine Learning का बड़ असर पड़ा है।
Machine learning kya hai / What is Machine Learning?
अगर आप को तकनीक से (Machine Learning in Hindi) प्यार है तो मशीन लर्निंग क्या है और ये कैसे काम करती इसके के बारे में जानने के लिए आप जरुर उत्साहित होगें। “Machine Learning कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी कंप्यूटर प्रोग्राम को इस तरह से डिजाइन किया जाता है की वह प्रोग्राम खुद से नई नई चीजों को सीख सकें और जरूरत पड़ने पर खुद से कोई डिसीजन ले सके.” कंप्यूटर फील्ड की इसी तकनीक को मशीन लर्निंग कहा जाता है।
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इसे और भी आसान भाषा (Machine Learning in Hindi) में समझें तो मशीन लर्निंग (Machine Learning) हिस्सा है Airtificial Intelligence का, इसका इस्तेमाल मशीन को सिखाने के लिए किया जाता है और मशीन को यह भी सिखाया जाता है की जरुरत पड़ने पर किस तरह वह अपने पहले Past Experience का इस्तेमाल करके डिसीजन ले सकता है। Machine Learning का मुख्य उद्देश्य कम्प्यूटर प्रोग्राम को advance बनाना है, बिना किसी मानव हस्त्क्षेप के (Human Intervention) के।
जिस ML सिस्टम या Porgram को Trained कराया जाता है उसे Machine Learning Model कहा जाता है। मशीन लर्निंग मॉडल एक Computer Program होता है, यही Input लेता है और फिर Experience से सीखकर Output Predict करता है।
किसी भी मशीन को Learn कराने के लिए जरुरी है Pattern, Prediction, input और Past Experience। इन सभी का इस्तेमाल करके मशीन को ऐसा बनाया जाता है ताकि वे Automatic खुद ही Decision ले सकें (decision लेने के लिए किसी इंसान का इस्तेमाल नहीं किया जाता है) और उसी के हिसाब से Output दे सकें।
मशीन लर्निंग मॉडल में Raw Data को Input के तौर पर दिया जाता है और फिर मशीन लर्निंग मॉडल उस Input Data को समझता है और फिर उसी हिसाब से Output को Predict करता है। चलिए एक उदाहरण से समझतें हैं।
Machine Learning से काफी काम आसान हो गया है। आज के समय में बड़ी टेक कंपनियों Machine Learning का यूज करती है, और इसी पर प्रोग्राम बनातीं है। इसी तरह गूगल, यूट्यूब, और फेसबुक जैसी companies आपके द्वारा देखे जा रहे वीडियो और search को Machine Learning Model को इनपुट की तरह देतें हैं और मशीन लर्निंग को प्रोग्राम लिखकर सिखा दिया जाता है की जब भी इस नाम का यूजर कुछ भी search करेगा। और उस यूजर को उसी हिसाब से Ads दिखाता और उसी हिसाब से वीडियो भी Recommend करता है।
मशीन लर्निंग Algorithm कैसे काम करता है?
मशीन लर्निंग मॉडल (ML Model) को बनाने और सिखाने के लिए Algorithm का इस्तेमाल किया जाता है। Algorithm ऐसे steps होते हैं जिन्हे देखकर और उसी Algorithm के हिसाब से काम करके ML Model सीखता है। मशीन लर्निंग मॉडल को सिखाने के लिए वैसे तो कई Algorithms हैं लेकिन मुख्य रूप से तीन Algorithm का इस्तेमाल किया जाता है।
1. Supervised Learning Algorithm
2. Unsupervised Learning Algorithm
3. Reinforcement Learning Algorithm
मशीन लर्निंग (Machine Learning in Hindi) के बारें पूरी तरह जानने के लिए इसके इन तीनों Algorithm क्या है इसके जानें बिना मशीन लर्निंग के बारे में जानना अधूरा है। तो चलिए जानतें है मशीन लर्निंग Algorithm क्या है और ये कैसे काम करता है।
Types of Machine Learning ?
मशीन लर्निंग के तीन प्रकार होते है। तो चलिए इन तीनों को समझते हैं।
2. Unsupervised Learning
3. Reinforcement Learning
Supervised Learning
सुपरवाइज्ड लर्निंग (Supervised Learning) में मशीन को पहले से ही Input और Output डाटा उपलब्ध करा दिया जाता है, जिसे Training Data या Labeled Data भी कहा जाता है। इसी डाटा के अनुसार मशीन अपना Output देती है और Output पूरी तरह से ट्रेनिंग डाटा की क्वालिटी पर डिपेंट करता है, यानि अगर डाटा की क्वालिटी अच्छी होगी, तो मशीन का आउटपुट भी बेहतर निकलेगा। मशीन को जब कोई नया Input दिया जाएगा तो इसमें मशीन सिर्फ अपने पिछले अनुभव और डाटा के अनुसार ही Output देगी।
Unsupervised Learning
अनसुपरवाइज्ड लर्निंग (Unsupervised Learning) में मशीन को पहले से कोई भी Input और Output Labeled डाटा नहीं दिया जाता है। इसमें मशीन को जैसे ही कोई Input मिलता है, तो मशीन खुद उसका आंकलन करती है और एक Cluster तैयार करती है और चीजों के प्रकार के अनुसार उन्हें अलग अलग Group में बाँट देती है।
Reinforcement Learning
जिस तरह से सुपरवाइज्ड लर्निंग (supervised Learning) में पहले से ही मशीन के पास ट्रेनिंग डाटा और आउटपुट Labelled रहता है। ठीक उस के उलट रीइन्फोर्स्मेंट लर्निंग (Reinforcement Learning) में मशीन के पास कोई जवाब नहीं रहता और कोई ट्रेनिंग डाटा न रहने के कारण यहाँ पर कार्य को पूरा करने के लिए रीइन्फोर्स्मेंट लर्निंग एजेंट द्वारा Decision लिया जाता है, जो अपने अनुभव के आधार पर कार्य को पूरा करने की कोशिश करता है और अपने बार-बार किए जाने वाले प्रयासों से सीखता है।
मशीन लर्निंग का इस्तेमाल
मशीन लर्निंग ऐसी टेक्नोलॉजी है जो की हम इंसानों के जीवन को काफी आसान कर रहा है। आज के समय में कई कंपनियों मशीन लर्निंग का यूज कर रहीं है। चलिए जानतें हैं ML के टॉप Application के बारे में।
Social Media
हम सब काफी समय सोशल मीडिया पर (Machine Learning in Hindi) बितातें हैं। यहां पर Facebook को उदाहरण के तौर पर समझे तो Facebook पर अकाउंट बनाते हो तो आपको ऐसे Friend Suggestions आते हैं जो की आपके कांटेक्ट लिस्ट में रहते हैं या आप उनसे कभी मिल चुके होते हो। क्या आप को पता है ये सभी मशीन लर्निंग से ही होता है। ऐसे इंस्टाग्राम पर होता है। हर प्लेटफॉर्म पर मशीन लर्निंग से ऐसा Algorithm बनाया जाता है।
Product Recommendation
ईकॉमर्स वेबसाइट पर एक Product खरीदने गए लेकिन अपने (Machine Learning in Hindi) उसे ख़रीदा नहीं और अगले दिन आप YouTube देख रहे थे और उसपर उसी same Product का Ad आया जिसे आपने Amazon या अन्य ई- कॉमर्स वेबसाइट पर खरीदने गए थे लेकिन आपने उसे ख़रीदा ही नहीं, फिर आप Facebook पर गए तो वहाँ भी उसी Product का Ad Show दिखाई पड़ सकता है। ये सब मशीन लर्निंग के वजह से हो पाता है आपके Online Behaviour को ट्रैक करके उसपर मशीन लर्निंग Algorithm लगाया जाता और फिर आपको वही Ad दिखाया जाता है जिसमे आप Interested हो।
इसके अलावा आप को कई Examle मिल जाएगें मोटे तौर पर नजर डालें तो Google Translate, Image Recognition, Fraud Detection, Online Video Streaming, Social Media प्लेटफॉर्म , Email Spam Checking & etc.
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