How to Make a Career in Biochemistry: इन दिनों कई करियर कोर्स हैं जो दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन स्टूडेंट चाहता है कि वह ऐसा करियर ऑप्शन चुने जहां उसे काम करने में मजा आए, उसमें ग्रोथ भी हो। साथ ही जिसमें कई तरीके के वर्क ऑप्शन हों और सैलरी भी अच्छी हो। आज के ऐसा ही एक फील्ड है जहां आपको ये सारी चीजें एक साथ मिलेंगी। और ये फील्ड है बायोकेमिस्ट्री। इस फील्ड में करियर की बहुत संभावनाएं बढ़ रही हैं। आज हम आपको इस आलेख में बताएंगे कि बायोकेमिस्ट्री की फील्ड में करियर कैसे बना सकते हैं, इसके लिए क्वॉलिफिकेशन क्या होनी चाहिए। करियर की कितनी संभावनाएं हैं और इसे करने के बाद कहां जॉब्स मिलेंगी।
आइए अब बायोकेमिस्ट्री फील्ड के बारे में थोड़ा बहुत जान लेते हैं।
बायोकेमिस्ट्री विज्ञान की वह शाखा है जिसमें सजीव प्राणियों और उनकी जैविकीय प्रक्रियाओं से संबंधित अध्ययन किया जाता है। साथ ही इस फील्ड में किसी प्राणी का उसके पर्यावरण पर क्या असर पड़ रहा है इस पर भी अध्ययन किया जाता है। और जो लोग इस फील्ड में काम करते हैं उन्हें बायोकेमिस्ट कहा जाता है।
वे एंजाइम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, फैट्स की संरचना और कार्यप्रणाली का अध्ययन करते हैं। आज के दौर में बायोकेमेस्ट्री में करियर की संभावनाएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं। और इसके बढ़ने का मुख्य कारण है रिसर्च की फील्ड का बढ़ना। यह फील्ड हर सब्जेक्ट चाहे वह मेडिसिन हो, मेडिकल साइंस हो, ऐग्रिकल्चर हो, फॉरेंसिक साइंस या फिर हमारा पर्यावरण सब कुछ इसके दायरे में आता है।
कहां मिलती हैं जॉब
बायोकेमेस्ट्री में मास्टर्स डिग्री के बाद आप ड्रग रिसर्चर, फॉरेंसिक साइंटिस्ट, बायोटेक्नोलॉजिस्ट, फूड टेक्नोलॉजिस्ट, रिसर्च फील्ड और भी कई दुसरे क्षेत्रों में जॉब कर सकते हैं।
क्वॉलिफिकेशन
इस फील्ड में मास्टर डिग्री करने के लिए आपके पास केमेस्ट्री के साथ साइंस में ग्रैजुएशन की डिग्री होनी ही चाहिए। इसके अलावा कई इंस्टीट्यूशंस आपको बायोकेमस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन के तब एडमिशन देती हैं, जब आपने ग्रैजुएशन भी बायोकेमेस्ट्री से किया हो। इसके अलावा अगर आपने इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी, बॉटनी, फिजियोलॉजी जैसे विषय से ग्रैजुएशन किया हो और ग्रैजुएशन में केमेस्ट्री की पढ़ाई की हो, तो कई यूनिवर्सिटियां आपको एमएससी बायोकेमेस्ट्री में ऐडमिशनदे सकती हैं।
ऐडमिशन
ऐडमिशन के लिए यूनिवर्सिटीज के अलग-अलग नियम हैं। कहीं सिर्फ नंबर बेसिस पर ऐडमिशन मिल जाता है तो कहीं टेस्ट का प्रोसेस भी है। ग्रैजुएशन के मार्क्स के आधार पर ऐडमिशन देने में भी यूनिवर्सिटियों के अपने-अपने नियम हैं। कहीं कम से कम 50 फीसदी मार्क्स की जरूरत होती है, तो कहीं 55 और कहीं फर्स्ट क्लास। इसके अगर आपको ज्यादा जानकारी चाहिए हो तो आप ज्यादा जानकारी अपने पसंद के संस्थान से ली जाती है। कई यूनिवर्सिटियों में ऐडमिशन प्रोसेस जारी है।
इंस्टिट्यूट्स और कोर्स
कोर्स: एम एस सी अडवांस बायोकेमेस्ट्री, एमएससी मेडिकल बायोकेमेस्ट्री
संस्थान: मद्रास यूनिवर्सिटी।
कोर्स: एम. एससी बायोकेमेस्ट्री
संस्थान: दिल्ली यूनिवर्सिटी।
कोर्स: एम. एससी मेडिकल बायोकेमेस्ट्री
संस्थान: जिपमेर, पुडुचेरी।
कोर्स: एम. एससी बायोकेमेस्ट्री
संस्थान: प्रवरा रूरल यूनिवर्सिटी, अहमदनगर (महाराष्ट्र)
कोर्स: एम. एससी बायोकेमेस्ट्री
संस्थान: साइंस कॉलेज, पटना
कोर्स: एम. एससी बायोकेमेस्ट्री
संस्थान: हैदराबाद यूनिवर्सिटी
कोर्स: एम. एससी मेडिकल बायोकेमेस्ट्री
संस्थान: एम्स, नई दिल्ली।
सैलरी
इस फील्ड में सैलरी भी अच्छी है। करियर के शुरुआत में ही औसतन 20 से 25 हजार प्रति महीने का सैलरी पैकेज मिल जाता है। जो रिसर्च फील्ड में नहीं जाना चाहते, वे नेट या पीएचडी की डिग्री हासिल कर टीचिंग के क्षेत्र में भी अपना करियर बना सकते हैं। टीचिंग के क्षेत्र में सिर्फ सामान्य कॉलेज या यूनिवर्सिटी में ही नहीं, बायोकेमेस्ट्री के लिए मेडिकल, डेंटल या फिर एनिमल्स डॉक्टर्स वगैरह में भी काफी स्कोप है। सेल्स ऐंड मार्केटिंग में भी इस फील्ड की अपार संभावनाएं हैं।