ECG TECHNICIAN KAISE BANE: अगर आप मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते है, तो डॉक्टर बने बगैर भी ऐसा कर सकते हैं। इसके लिए आप ईसीजी टेक्निशन (ECG technician) कोर्स कर सकते हैं। सरकारी व प्राइवेट संस्थानों में आज के दौर में करियर की अपार संभावनाए मौजूद है। इस फील्ड में आप कैसे करियर बना सकते हैं, क्या संभावनाएं हैं और कितनी सैलरी तक मिलती है। आज के इस लेख में ECG technician कैसे बनें बता रहे हैं।
ECG TECHNICIAN KAISE BANE
What is a ECG/ ईसीजी टेक्नीशियन क्या है
ईसीजी टेक्निशन (ECG TECHNICIAN KAISE BANE) को कार्डियोग्रैफ़िक टेक्निशन भी कहा जाता है। ईसीजी मशीन का इस्तेमाल करके पेशेंट्स का हार्ट रेट्स मापना, कार्डियक रिदम को मॉनिटर करना, दिल और आर्टरीज में अनियमितताओं को खोजने में चिकित्सकों की मदद करना, अधिग्रहीत डेटा एकत्रित करना, रोगी की चिकित्सा की स्थिति पर नजर रखना और हृदय रोग विशेषज्ञों की सहायता करना ही इसका काम होता है।
Course & eligibility
इस कोर्स में डिप्लोमा के लिए अभ्यर्थी का बारहवीं पास होना बहुत जरूरी है। कोर्स के दौरान स्टूडेंट को 1 साल में यानी 2 सेमेस्टर में कोर्स को पूरा करना होता है जिसमें उन्हें थिअरी और प्रैक्टिकल दोनों प्रदान तरीकों से पढ़ाया जाता है। यह कोर्स दिल और सीने की शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान पर महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि को भी कवर करता है। दिल कैसे काम करता है और ईसीजी किस तरह काम करता है, यह भी इस कोर्स में पढ़ाया जाता है।
Work profile
ईसीजी तकनीशियन (ECG TECHNICIAN KAISE BANE) इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम उपकरणों का उपयोग करके उनसे दिल की विद्युत गतिविधियों की जानकारी रिकॉर्ड करते हैं। इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम तकनीशियन अस्पतालों, प्रयोगशालाओं या हृदय रोग विशेषज्ञों के कार्यालयों में काम करते हैं।
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ईसीजी तकनीशियनों को नियमित आधार पर मरीजों और प्रयोगशालाओं के उपकरणों को लाने ले जाने का भी काम करना पड़ता है। वे आम तौर पर एक सप्ताह में 40 घंटे काम करते हैं। हालांकि आवश्यकता अनुसार कभी-कभी इन्हें सप्ताह के अंत में भी काम करना पड़ सकता है। उन्हें आपातकालीन समय में भी बुलाया जा सकता है। उन्हें दिल की गंभीर स्थिति से गुजर रहे रोगियों को संभालने के लिए तैयार रहना पड़ता है।
Career Scope
डिप्लोमा इन इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेक्नॉलजी कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स के लिए गवर्नमेंट और गैरसरकारी विभागों में करियर के कई अवसर खुल जाते हैं। आपदा स्थिति में सबसे ज्यादा जरूरत मेडिकल सहयोगियों की होती है जिसमें यही टेक्निशन मेडिकल की सुविधाएं प्रदान कराने में काम आते हैं।
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यह कोर्स पूरा करने के बाद देश भर के अस्पतालों, चिकित्सक कार्यालयों, प्रयोगशालाओं और क्लीनिकों में आसानी से काम कर सकते हैं। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और कार्डियोपल्मोनरी में विशेषज्ञ बनने के लिए भी अवसर उपलब्ध हैं।
Most Popular university
इंडियन मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग, जालंधर, पंजाब
दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली
महर्षि मार्केंडेश्वर यूनिवर्सिटी, अंबाला, हरियाणा
इंस्टिट्यूट ऑफ अलाइड हेल्थ साइंसेज, कोलकाता