Drone Pilot kaise bane– आज के समय में ड्रोन का यूज बहुत सारे काम होने लगा है। इस वजह से ड्रोन को ऑपरेट करने में रोजगार के अवसर पैदा हो रहे है। यह इड्रस्ट्री में लोकेशन की निगरानी करनी हो या कोई सर्वे कार्य जो सरकारी प्रोजेक्ट होते है। सर्वे कार्य में लगी टेन्डर लेने वाली कंपनियो में ऐसे प्रोफेशनल को हॉयर किया जाता है। यहां तक प्रोफेशनल ड्रोन ऑपरेटर को बड़ी मैरिज प्रोग्राम या अन्य काम के लिए हॉयर किया जाता है।
Drone Pilot kaise bane
आप को यह तो पता है कि कि जब से ड्रोन की तकनीक आई बहुत सारे कामों को आसान कर दिए है। मानव रहित ड्रोन आ गए है तो सीमा पर दुश्मन की हरकत पर नजर रखा जा सकता है। ड्रोन, जिन्हें रिमोटली एरियल सिस्टम (RPA) या मानवरहित हवाई वाहन (UAV) के रूप में भी जाना जाता है।
भारत सरकार दिसंबर, 2018 को, ड्रोन को लेकर इसके संचालन को लेकर एक नीति बनाई। इन्हें नई जरूरतों को हिसाब से 2020 में फिर से बदला गया है। जिसेक बाद में इस फील्ड में ड्रोन के निर्माण और इसके संचालन में रोजगार को पंख लगे साल 2020 के आते – आते इस फील़्ड में कई कंपनियों और स्टार्टअप ने कदम रखे है। जिससे इस फील्ड का तेजी से विकास हुआ है।
Become a drone pilot/ Skills, Qualifications, & career scope
DRONE REGULATORY POLICY
एक ड्रोन पायलट के रूप में अपना कैरियर बनाने के लिए, आपको भारत में वाणिज्यिक ड्रोन को पायलट करने वाली नियामक नीति के साथ अच्छी तरह से वाकिफ होना चाहिए। यह नीति 2018 में लागू हुई थी। इसे DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने भारत में यूएवी को सुरक्षित उपयोग और उड़ान सुनिश्चित करने के लिए अपने नागरिक उड्डयन विनियम (सीएआर) को जारी किया।
इस पॉलिसी में ड्रोन को उनके वजन के आधार पर विभिन्न कैटेगरी में विभाजित किया गया है। जोकि इस प्रकार हैं। – नैनो ड्रोन (250 ग्राम तक), माइक्रो ड्रोन (250 ग्राम – 2 किग्रा), छोटे ड्रोन (2 किग्रा – 25 किग्रा), मध्यम ड्रोन (25 किग्रा – 150 किग्रा) और अंत में, बड़े ड्रोन (कुछ भी उच्चतर) 150 किग्रा) से अधिक है।
इस नीति के तहत, नैनो ड्रोन के अलावा सभी ड्रोन का आकार, पायलट / ऑपरेटर द्वारा डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत होना आवश्यक है। इसलिए, नागरिक अब किसी भी ड्रोन को नहीं खरीद सकते और न ही उसे उड़ा सकते हैं।
डिजिटल स्काई प्लेटफ़ॉर्म एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो भारत सरकार को राष्ट्रीय मानवरहित यातायात प्रबंधन (UTM) के साथ ड्रोन के व्यावसायिक उपयोग को नियंत्रित करने की अनुमति देता है। भारत में एक NPNT (नो परमिशन – नो टेकऑफ़) क्लॉज़ है जो ड्रोन (सूक्ष्म और ऊपर) को उड़ान भरने से पांबदी है जब तक कि उन्हें नियामक अनुमति नहीं दी गई है।
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इसके अलावा, पायलट / ऑपरेटरों को एक मानवरहित हवाई परिचालक के परमिट (UAOP) या एक दूरस्थ पायलट लाइसेंस की आवश्यकता होती है, जिसकी लागत लगभग 25,000 होती है। हालांकि, राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी और एविएशन रिसर्च सेंटर के ड्रोन ऑपरेटरों को इससे छूट है, और इसलिए नैनो ड्रोन ऑपरेटर (50 फीट से कम उड़ान) हैं।
ड्रोन को एक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) के लिए भी आवेदन करना होगा। जिसे मिलने के बाद में एक नंबर प्लेट के रुप में यूआईएन को लगाया जाता है। यूआईएन के लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है और इसके लिए 1000 का खर्च होता है।
Criteria for drone operator
ड्रोन पायलट बनने के लिए DGCA के मापदडं के मुताबिक एक ड्रोन ऑपरेटर की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए, कम से कम 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए और एक DGCA- अनुमोदित फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (FTO) में ड्रोन पायलटिंग प्रशिक्षण लेना होगा अपने फुलटाइम करियर के लिए ड्रोन पायलटिंग करने के लिए DGCA-स्वीकृत ड्रोन पायलटिंग कोर्स किया हो आपको कुछ अन्य क्षेत्रों में पर्याप्त नॉलेज से लैस होना होगा।
Institute for drone operator
भारत में ड्रोन पायलटिंग प्रशिक्षण स्कूलों की कोई कमी नहीं है। सबसे प्रमुख है भारतीय ड्रोन संस्थान जो पूरे भारत में 6 शहरों में और विदेशों में 2 और कुल चार पाठ्यक्रम (1, 3, 5 और 7-दिवसीय पाठ्यक्रम) प्रदान करता है। DGCA- अनुमोदित ड्रोन उड़ान प्रशिक्षण संगठनों की पूरी सूची यहां पा सकते हैं डीजीसीए की वेबसाइट पर जानें के लिए यहां क्लिक करें.
Skills
ड्रोन के संचालन के लिए आप के पास में कुछ जरुरी स्किल का होना जरुरी है। ड्रोन का रिमोट आप के हाथों में होता है फिल्माने के लिए आप के पास में कौशल होना चाहिए। फिल्म निर्माण, निर्माण, खनन, रियल एस्टेट, कृषि, परिवहन, ऊर्जा, दूरसंचार और अधिक जैसे क्षेत्रों में ड्रोन पायलटों की मांग है। इसलिए, इन क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए गहराई से नॉलेज का होना जरूरी है। मान लें कि आप ड्रोन पायलट के रूप में फिल्म निर्माण क्षेत्र में उतरना चाहते हैं, तो आपको विभिन्न प्रकार के शॉट्स, मोंटाज, एंगल्स, लाइटिंग और कार्यों के बारे में नॉलेज रखना होगा।
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इसके अलावा, ड्रोन पायलटों को उड़ान की कुछ जरुरी बातें समझने की जरूरत है। वे मौसम, हवा की गति और अन्य यांत्रिकी का आकलन करने में सक्षम होना चाहिए। एक सफल ड्रोन पायलट के रूप में अपना करियर बनाने के लिए, आपको भारत में वाणिज्यिक ड्रोन का संचालन करने वाली नियामक नीति के साथ अच्छी तरह से वाकिफ होना चाहिए।
career scope
भारत में ड्रोन का संचालन के करियर को संभावनाओं को तौर पर देखा जा रहा है इसके पीछे की वजह है कि य़ह फील्ड उभरती प्रौद्योगिकियों में से एक माना जाता है। जो कभी शौक़ीन लोगों के लिए एक मात्र पास-टाइम माना जाता था, अब भारत में एक प्रमुख विकास उद्योग के रूप में उभरा है। ऐसे कई उद्योग हैं जो पहले से ही ड्रोन पायलटिंग स्कील के होने से रोजगार के मौके आ रहे है।
उदाहरणों के तौर पर समझे तो जहां ड्रोन पायलट पावरलाइन, टेलीफोन टॉवर और पवन टर्बाइन का निरीक्षण करते हैं, खनन, जहां ड्रोन का उपयोग खनिजों के भंडार को मापने के लिए किया जाता है ड्रोन पायलट एड शूटिंग और वेडिंग फोटोग्राफी के माध्यम से सबसे अधिक से कमाई कर रहे है हैं। इसके अलावा नए क्षेत्र जैसे कि रेलवे ट्रैक की मैपिंग, सौर संयंत्रों का सर्वेक्षण, शिकारियों पर नज़र रखना और यहां तक कि सैन्य और पुलिस निगरानी भारत में ड्रोन पायलटों का दायरा तेजी से विकसित कर रहे हैं।
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