Cryptocurrency kya hai:- क्रिप्टोकरेंसी में लगातार तेजी से उतार चढ़ाव देखा जा सकता है। हाल ही के दिनों में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना एक चर्चा का बिषय बन गया है। आज के इस लेख में आप को क्रिप्टोकरेंसी से संबधित जानकारी दे रहे है। पूरी जानकारी के लिए इस लेख को लास्ट तक जरुर पढें। इस लेख में what is cryptocurrency के तहत आप को cryptocurrency kya hai, cryptocurrency in hindi, cryptocurrency in word, Types of cryptocurrency India, cryptocurrency world, cryptocurrency future, आदि के बारे में जानकारी दे रहे है ।
टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही रही है। ऐसे में करेंसी (Cryptocurrency kya hai) भी पीछे नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी भी एक तरीके से अपने पैर पसार रही है। इसके पीछे के वजह है कि देश और दुनिया की बड़ी कंपनिया के द्वारा में इसमें इट्रेस्ट बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में देश में क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, देश में कई ऐसे स्टार्टअप हैं जो इस फील्ड में काम कर रहे है। Cryptocurrency हालांकि यह सबके लिए खास कर अच्छी नहीं हो सकती है।
देश-दुनिया के किसी भी व्यक्ति, संस्था तथा देश को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए और आपसी लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एक मुद्रा (currency) की जरूरत होती है ताकि उसका उपयोग वह सुचारू रूप से कर सके, और वस्तुओं के अदान प्रदान किया जा सकें। इसलिए, प्रत्येक देश की अपनी अलग-अलग करेंसी होती है, जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर आदि।
दरअसल, यह फिजिकल करेंसी होती हैं जिसे आप देख सकते हैं, छू सकते हैं और नियमानुसार किसी भी स्थान या देश में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency kya hai) इससे अलग होती है जो एक डिजिटल करेंसी है। इसे आप न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं, क्योंकि फिजिकल रूप में क्रिप्टो करेंसी का छापा नहीं किया जाता। इसलिए इसे आभासी मुद्रा कहा जाता है। यह पिछले कुछ सालों में ऐसी करेंसी काफी प्रचलित हुई है। जिससे की आज के समय में खबरों में ट्रेंड रहती है। आज के समय में लोगों का झुकाव इस Cryptocurrency की देखा जा रहा है।
What is Cryptocurrency /Cryptocurrency kya hai?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती है। इस करेंसी में कोडिंग तकनीक का इस्तेमाल होता है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है। यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है।
रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य करेंसी की तरह ही इस करेंसी का संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल केंद्रीय बैंक पर निर्भर नहीं होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है। इसलिए कुछ लोगों का मानना है की Cryptocurrency का इस्तेमाल गलत तरीके से भी किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास
सर्वप्रथम क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। शुरुआत में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, किन्तु धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई। आज के समय में न्यूज में क्रिप्टो करेंसी ट्रेंड में रहती है। हालांकि इससे पहले इस करेंसी के शुरुआत की गई।
- 1983 में सबसे पहले यूएस क्रिप्टोग्राफर डेविड चाम ने ई-कैश (ecash) नाम से क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी बनाई थी।
- 1995 में डिजिकैश के जरिए इसे लागू किया गया।
- इस पहली क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी को किसी बैंक से नोटों के रूप में विड्रॉल करने के लिए एक सॉफ्टवेयर की आवश्यकता थी।
- यह सॉफ्टवेयर पूरी तरह से एनक्रिप्टेड था। सॉफ्टवेयर के जरिए क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी प्राप्त करने वाले को एनक्रिप्टेड-की यानी खास प्रकार की चाभी दी जाती थी।
- इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से पैसा जारी करने वाला बैंक, सरकार या अन्य थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शन को ट्रैक नहीं कर पाते थे।
- 1996 में अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी ने क्रिप्टोकरेंसी सिस्टम के बारे में बताने वाला एक पेपर पब्लिश किया।
- 2009 में सातोशी नाकामोतो नाम के वर्चुअल निर्माता ने बिटकॉइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी बनाई। इसके बाद ही क्रिप्टोकरेंसी को दुनियाभर में लोकप्रियता मिली। जिससे की आज के समयें क्रिप्टो करेंसी को चर्चा में रहती है।
Cryptocurrency Wallet/ क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट क्या हैं?
जैसा कि नाम से पता चलता है, ये वॉलेट आपको क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने में मदद करते हैं। एक वॉलेट आपके फोन पर एक अलग डिवाइस या एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हो सकता है। वे ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ आपकी क्रिप्टो एसेट्स को सुरक्षित रखने के लिए मदद करता है, साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को भेजने और रिसीव करने की सुविधा भी देता है।क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट दो तरह के होते है।
- Paper Wallets: पेपर वॉलेट्स को पेपर की प्रिंटेड शीट पर स्टोर किया जाता है और यह सबसे सुरक्षित ऑप्शन में से एक है।
- Hardware Wallets : एक हार्डवेयर वॉलेट क्रिप्टो स्टोर करते समय सुरक्षा और सुविधा के बीच बैलेंस बनाने में मदद करता है। हार्डवेयर वॉलेट को आपकी प्राइवेट की (Private Key) को स्टोर करने के ऑनलाइन तरीकों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
कैसे तैयार होती है क्रिप्टोकरेंसी?
आखिर कैसे की जाती है क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग क्रिप्टोकरेंसी को माइनिंग के जरिए तैयार किया जाता है। बिटकॉइन (Bitcoin) की माइनिंग में काफी उर्जा का उपयोग होता है और इसी तरह कुछ अन्य क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग भी काफी उर्जा इस्तेमाल करती है। माइनिंग में काफी शक्तिशाली कंप्यूटर जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं।
इन कंप्यूटर्स में काफी शक्तिशाली ग्राफिक्स कार्ड्स का इस्तेमाल होता है। यह वर्चुअल माइनिंग होती है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पाने के लिए एक बेहद जटिल डिजिटल पहेली को हल करना पड़ता है। इस पहेली को हल करने के लिए अपने खुद के एल्गोरिद्म (प्रोग्रामिंग कोड) और साथ ही बहुत ज्यादा कंप्यूटिंग पावर की जरूरत पड़ती है।
दुनिया में कौन- कौन सी क्रिप्टोकरेंसी है?
Bitcoin:- बिटकॉइन दुनिया में सबसे पहला क्रिप्टो करेंसी है। जिसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने सन 2009 में बनाया था। ये एक डिजिटल करेंसी है जिसे की केवल ऑनलाइन ही सामान और सेवा खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक Decentralized currency है जिसका मतलब है की इसपर सरकार या कोई भी संस्था का कोई भी हाथ नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी में Bitcoin का मुल्य में तेजी से उतार चढ़ाव आते रहते है। आप इसके वर्तमान के महत्व के बारे में पता लगा सकते हैं।
बिटकॉइन के अलावा दुनिया कई प्रकार के क्रिप्टोकरेंसी चलन में है जैसे कि Ethereum, Litecoin (LTC), डॉगकॉयन Dogecoin (Doge), रिप्पल (Ripple)नियो (Neo), Litecoin, Faircoin (FAIR), Dash (DASH), Peercoin (PPC), Ripple (XRP), Monero (XMR) हैं।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीद सकते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वेबसाइट के जरिए इनकी खरीद की जा सकती है। इसके लिए पहले एक्सचेंज पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। फिर बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान कर क्रिप्टोकरेंसी की यूनिट खरीद सकते हैं। ग्राहक को अपने देश के नियम-कानून ध्यान में रखने होते हैं। अलग-अलग एक्सचेंज कमीशन के रूप में कुछ चार्ज लेते हैं। ग्राहक क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन वॉलेट में रख सकते हैं।
इंटरनेट पर आप को कई ऐसे बेवसाइट मिल जाएगी जो क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का काम करती है । जैसे की भारत में भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) वेबसाइट है । यहां पर आपक्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से जुड़े यानि की खरीद सकते है।
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या-क्या हैं?
- क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, क्योंकि इसका मुद्रण यानि की प्रिंट नहीं किया जा सकता। मतलब कि ना तो इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही कोई बैंक अकाउंट या पासबुक जारी की जा सकती है।
- क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है जिससे इसकी कीमत में कभी बहुत अधिक उछाल देखने को मिलता है तो कभी बहुत ज्यादा गिरावट, जिसकी वजह से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना जोखिम भरा सौदा या यूं कहें की खतरे से खाली नहीं रहता है।
- क्रिप्टोकरेंसी में एक बार ट्रॉजेक्शन पूरी हो जाने पर उसे वापस कर पाना असंभव होता है यानि आप से कोई ट्रांजैक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं क्यूंकि इसमें वैसे कोई ऑप्सन ही नहीं होता है। जिससे आपको घाटा होता है।
- क्रिप्टोकरेंसी में अगर आपका वालेंट के आईडी खो जाती है तब वो हमेशा के लिए खो जाती है क्यूंकि इसे दुबारा प्राप्त करना संभव नहीं है। ऐसे में आपके जो भी पैसे आपके wallet में स्तिथ होते हैं वो सदा के लिए खो जाते हैं। क्रिप्टो करेंसी में बिटकॉइन की भारी हिस्सा इसमें फसा हुआ है।
- क्रिप्टो करेंसी इसका उपयोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार की खरीद-फरोख्त, ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच ही किया जाता है।
- इसको हैक करने का भी खतरा बना रहता है। हालाकि यह ब्लॉकचेन को हैक करना उतना आसान नहीं है क्योंकि इसमें सुरक्षा के पूरे इंतजाम होते हैं। बावजूद इसके, इस करेंसी का कोई मालिक न होने के कारण हैकिंग होने से मना भी नहीं किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे
- क्रिप्टोकरेंसी में फ्रॉड होने के चांस बहुत ही कम हैं। इसमें नॉर्मल डिजिटल पेमेंट से ज्यादा सुरक्षा होती हैं।
- इसमें ट्रॉजेक्शन चार्ज भी बहुत है कम है
- इसमें एकामउट बहुत ही सिकोर होते हैं क्यूंकि इसमें अलग अलग प्रकार के टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- क्रिप्टोकरंसी में निवेश करना काफी जोखिम भरा काम है। पूरी जांच-पड़ताल के बाद और अपने रिस्क पर ही इसमें निवेश करें। क्यों में क्रिप्टोकरंसी में तेजी से उतार-चढ़ाव आते रहते है।
- क्रिप्टोएक्सचेंज भी किसी तरह के नियमों से कंट्रोल नहीं होते। इसलिए इनके जरिए क्रिप्टो करंसी में निवेश करने से पहले चेक कर लें कि क्रिप्टो एक्सचेंज का रजिस्टर्ड पता कहां का है और क्या वह भारतीय कानून के अधीन निगमित है या नहीं।
- यह भी चेक कर लें उस क्रिप्टो एक्सचेंज में किस-किस इन्वेस्टर ने अपनी रकम लगाई है।
- साथ ही क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में गूगल या किसी दूसरे सर्च इंजन से अच्छी तरह जानकारी ले लें और चेक कर लें कि कहीं वह किसी धोखाधड़ी में शामिल तो नहीं है। अगर है तो उसके जरिए निवेश न करें।