Blockchain technology kya hai:- हाल के दिनों में ब्लॉकचेन (Blockchain) जैसे क्रिप्टोंकरेंसी सुर्ख़ियों में है। लोगों में ब्लॉकचेन को लेकर इसमें निवेश करने जबरदस्त इंटरेस्ट देखा रहा है क्यूंकि बिटकॉयन (Bitcoin) की कीमत दिनवदिन बढती जा रही है। लेकिन क्या आप जानना चाहते हैं की Bitcoin के पीछे की technology क्या है? यदि हाँ तब आपको ये लेख Blockchain technology क्या है (Blockchain technology kya hai) जरुर पसदं आएगा।
यही नहीं ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का यूज बैंकिग सेक्टर, क्लाउड स्टोरेज, और कई सेक्टर या तो यूज किया जा रहा है या फिर इसके इम्लेमेंट करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में आप के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में जानना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। तो चलिए आज के इस लेख में करियर पीडिया आप के लिए लाया है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के रिलेटिड में बहुत वैरी इम्पोर्टंट और इन्टेसंटिंग इनफोर्मेशन के बारे में इस लेख
में हम बात करेगें कि Blockchain technology kya hai, when did blockchain technology come, how does this technology work, use of blockchain technology, advantages of blockchain technology, disadvantages of blockchain technology etc. बारे में
Blockchain technology kya hai/What is blockchain technology?
बदलते दौर में दुनिया के देश लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ काम कर रहें है। चाहे बैंकिग सेक्टर हो, क्लाउड स्टोरेज हो बैंकिंग और बीमा , डिजिटल पहचान और प्रमाणीकरण स्वास्थ्य आँकड़े, साइबर सुरक्षा क्लाउड स्टोरेज, ई-गवर्नेंस स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट, एजुकेशन इफार्मेशन , ई–वोटिंग या फिर अन्य में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी(Blockchain technology kya hai) को बेहतर तरीके से उपयोग क्या जा सकता है
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक ऐसी उन्नत टेक्नोलॉजी जिससे की कई सेक्टर में काया पलट हो सकता है डिसेन्ट्रलाइजेशन और ट्रासपेरेट ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की सबसे महत्त्वपूर्ण व्यवस्था है, जिसकी वज़ह से यह तेज़ी से पोपुलर और कारगर साबित हो रही है। माना जाता है कि ब्लॉकचेन में तमाम उद्योगों की कार्यप्रणाली में भारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है। इससे आने वाले समय में हमें उन्नत तकनीक से लैस काम करने की आदत सी पड़ जाएगी।
आज के समय में कोई ना कोई आपको बिटक्वॉइन और ब्लॉकचेन पर बात करता दिख जाएगा। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारें में जानने से पहले थोड़ा इसके यूज पर नजर डाल लेते है, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का बिटकॉयन में इसका बड़ा एक्जांपल है यहां पर आप को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझने के लिए बिटक्वॉइन का कैसे लेनदेन किया जाता है एक अच्छा एक्जांपल हो सकता है।
ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी, प्लेटफॉर्म हैं इस प्लेटफॉर्म पर ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है। यानी ब्लॉकचैन एक डिजिटल लेजर हैं। बिटक्वॉइन करेंसी को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से लेन देन किया जाता है
Blockchain Technology kya hai/Blockchain Technology क्या है ?
जिस प्रकार हज़ारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर इंटरनेट का इनवेशन हुआ, ठीक उसी प्रकार डाटा ब्लॉकों (आँकड़ों) की लंबी श्रृंखला को जोड़कर उसे ब्लॉकचेन का नाम दिया गया है। जैसा कि नाम से पता चलता है ब्लॉकचेन तकनीक इसमें कई ब्लॉक्स होते हैं और ये एक दूसरे से जुड़े होते हैं इस आधार पर डाटा ब्लॉकों (आँकड़ों) की लंबी श्रृंखला को जोड़कर उसे ब्लॉकचेन का नाम दिया गया है।
यह एक डिजिटल ‘सार्वजनिक बही-खाता’ (Public Ledger) है, Bitcoin ब्लॉकचेन में जो डेटा रहता है दरअसल उस डेटा में ट्रांजैक्शन की डीटेल्स होती हैं। सेंडर, रीसिवर और अकाउंट जैसी जानकारियां इसमें दर्ज रहती हैं।
इसमे ऑनलाइन लेजर में यूजर्स की इन्फॉर्मेशन स्टोर की जाती है। इसका एक सीधा सा सिद्धान्त यह है की किसी भी इन्फॉर्मेशन को Decentralization विकेंद्रीकरण करना आज के वक़्त डेटा लोकल स्टोरेज में स्टोर किया जाता है यहां पर एक्जंपल को तौर पर समझे तो Mysql डेटाबेस इन डेटा बेस को कोई भी आसानी से चेंज कर सकता है
Blockchain technology के मामले ये data एक कंप्यूटर की जगह लाखो कंप्यूटर्स में स्टोर होता है और इसे किसी को चेंज करना हो तो सब कंप्यूटर्स में चेंज करना होगा। इसीलिये ब्लॉकचैन एक कारगर तकनीक है। ब्लॉकचैन की नींव ट्रस्ट पर आधारित है।
Blockchain technology की शुरुआत/When did Blockchain technology start?
क्रिप्टोग्राफी की सुरक्षित श्रृंखला पर सर्वप्रथम 1991 में स्टुअर्ट हैबर और डब्ल्यू. स्कॉट स्टोर्नेटा ने काम किया। इसके अगले वर्ष यानी 1992 में इन दोनों के साथ बायर भी आ मिले और इसके डिज़ाइन में सुधार किया, जिसकी वज़ह से ब्लॉक्स को एकत्रित करने का काम आसान हो गया।
ब्लॉकचेन में एक बार किसी भी लेन-देन को दर्ज करने पर इसे न तो वहाँ से हटाया जा सकता है और न ही इसमें संशोधन किया जा सकता है। इसलिए इसे हैक करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन माना जाता है।
Types of Blockchain technology
ब्लॉकचेन तकनीक Blockchain technology kya hai मुख्यतः दो प्रकार से कार्य करती है। जिनमें पब्लिक ब्लॉकचेन तथा प्राइवेट ब्लॉकचेन शामिल हैं।
Public Blockchain technology :- पब्लिक ब्लॉकचेन का प्रमुख उदाहरण क्रिप्टो-करेंसी का लेन-देन है। यह एक विकेन्द्रीकृत यानि डिसेन्ट्रलाइजेशन डेटाबेस है जिसे कोई भी व्यक्ति देख सकता है इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति आवश्यक संसाधनों की मदद से इस नेटवर्क में नोड की भूमिका में भी कार्य कर सकता है जिसके चलते यह नेटवर्क अधिक सुरक्षित है।
Private Blockchain:- प्राइवेट ब्लॉकचेन किसी कंपनी या संस्था विशेष का डेटाबेस होता है। इसकी पहुँच केवल ऑथोराइज लोगों तक ही होती है अतः यह एक केंद्रीय डेटाबेस के समान है, किंतु इसकी कार्यप्रणाली साधारण केंद्रीय डेटाबेस से अलग है।
प्राइवेट ब्लॉकचेन में कुछ चुने हुए व्यक्ति नोड की भूमिका में कार्य करते हैं अतः यह पब्लिक ब्लॉकचेन की तुलना में कम सुरक्षित है। इसके अतिरिक्त छोटा नेटवर्क होने के कारण यहाँ सूचनाओं को ब्लॉक में बदलने का कार्य पब्लिक ब्लॉकचेन नेटवर्क की तुलना में कम समय में हो जाता है।
Blockchain Technology कैसे काम करती है?
ब्लॉकचेन एक डिजिटल खाता-बही यानि लेजर (ledger) है यहां पर खाता-बही मतलब यह है कि खाता-बही Ledger एक ऐसा बुक है जो की ऐसे एकांउट रखता है जहाँ डेबिट और क्रेडिट लेनदेन पोस्ट होते हैं, वो बुक जहाँ की ओरिजनल इन्ट्री होते हैं। हम इसे और भी आसान शब्दों में समझे तो तो ये ओरिजनल बुक से इन्ट्री इस खाता-बही में अपडेट होते हैं।
ब्लॉकचेन तकनीक तीन अलग-अलग तकनीकों का समायोजन है, जिसमें इंटरनेट, पर्सनल ‘की’ (निजी कुंजी) की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है।
हम आसान भाषा में समझे तो (Blockchain technology kya hai) यह एक ऐसा सिस्टम है जोकि किसी एक संस्थान, व्यक्ति, साकार द्वारा नही चलाके हर उस शक़्स के जरिये चलाया जाता है जोकि इस सिस्टम से जुड़ा हुआ है इमसें किसी भी ट्रांसक्शन या इन्फॉर्मेशन को कई लोगो द्वारा सत्यापित किया जाता है।
ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग
Blockchain technology का बैंकिंग सेक्टर में उपयोग:-बैंकिंग सेक्टर में ब्लॉकचैन का यूज़ किसी सिंगल transaction पर देखने को मिलेगा। जैसे की अभी हम किसी को भी पैसा ट्रांसफर करते है तो उसकी प्रॉसेसिंग में समय लगता है और इसके चार्जेज भी चुकाने पड़ते है जोकि RBI के सेंट्रल सिस्टम से जुड़े होते है।
पर यही बैंकिंग सेक्टर में ब्लॉकचैन का यूज़ किया जाए तो इसमे लगने वाला समय कम हो जाएगा और इसके चार्जेज भी काफी कम होंगे क्योकि यह transaction decentralize विकेंद्रीकरण transaction होगा इसमे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को सीधे transaction कर सकता है।
Blockchain technology का Healthcare में उपयोग:- Healthcare सर्विस में ब्लॉकचैन का एक बड़ा योगदान है इसमे किसी भी व्यक्ति से सम्बंधित बीमारी का लेख जोखा डॉक्टरों के पास आसानी से उपलब्ध होगा। साथ ही इसमे होने वाले ख़र्च ओर मेडिसन का रिकॉर्ड ऑनलाइन ब्लॉकचैन के माध्यम से रखा जा सकेगा।
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ठीक इसी तरह से ब्लॉकचैन का यूज़ अन्य सेक्टर जैसे फाइनेंसियल ट्रांसक्शन, एजूकेशन, हेल्थ, एग्रीकल्चर, Information Technology and Data Management, Accounting of Government Schemes, Banking and insurance, Ground records regulation, Digital identity and authentication, cyber security, cloud storage, e-governance, e-voting आदि में किया जा सकता है।
इन सभी सेक्टर्स में ब्लॉकचैन एक टांस्परेट का काम करेगा जिससे किसी को भी पता रहेगा कि कोनसा transaction किसे किया और कब किया किया, साथ ही साथ इनका रिकॉर्ड रखना और भी आसान होगा।
Advantages of Blockchain Technology –
- ब्लॉकचेन के उपयोग के लाभ सभी लेन-देनों के लिये डिफरेन्ट होंगे। ऐसे माना जाता है कि ब्लॉकचेन उस समय अधिक वेनेफिट होगा जब आँकड़े अधिक हों और उन्हें अनेक लोगों के बीच साझा करना हो तथा उन लोगों के मध्य विश्वास की भावना न हो।
- आजकल इंटरनेट बूम पर है तो ऐसे fraud बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं। block chain से इंटरनेट सिक्योरिटी को बढ़ावा दिया जा सकता है। hacking जैसी घटनाओं को इसके माध्यम से काफी हद तक कम किया जा सकता है।
- यह टेक्नोलॉजी transaction speed के मामले कारगर साबित हो सकती है जैसे कि Block chain-based systems से अब और intermediaries रखने की जरुरत नहीं है बल्कि आसानी से record और transfer of assets का ध्यान रखा जा सकता है। जिससे transaction speed में बढ़ोतरी होती है।
- communicate करने में बड़ी सुविधा यानि कि blockchain हमारे smart devices को एक दुसरे के साथ communicate करने में सहायता प्रदान करता है जिससेकी वो बेहतर ढंग से बातचीत कर सकें।
- डाटा को लेकर सबसे खास बात यह है कि ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में स्टोर किया गया डाटा कभी करप्ट नहीं होता है, क्योंकि यह किसी एक कंप्यूटर में नहीं बल्कि लाखों कंप्यूटर्स में स्टोर होता है।
- इसको कभी भी एक्सेस किया जा सकता है और पर्सनल डाटा को block chain technology के माध्यम से लम्बे समय तक सम्भालकर सुरक्षित रखा जा सकता है। जोकि इसका बड़ी फायदा हो सकता है।
Blockchain Technology Disadvantages
- जैसा कहा जाता है कि हर टेक्नोलॉजी परफेक्ट नहीं होती है ऐसे इसमें भी कुछ न कुछ खामियाँ अवश्य होती हैं। सबसे पहली खामी की बात की जाए तो इस तकनीक में अत्यधिक संसाधनों तथा विद्युत आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
- इसका दुसरा नुकसान यह है कि जैसा कि हमनें देखा इस तकनीक में कोई भी लेन देन या किसी सूचना का अंतिम रूप से ब्लॉक में दर्ज होना इस नेटवर्क से जुड़े बहुसंख्यक नोड्स पर निर्भर करता है। हालाँकि यह प्रायोगिक नहीं है फिर भी यदि बहुसंख्यक नोड्स किसी सूचना के साथ छेड़छाड़ करना चाहें तो यह तकनीक सुरक्षित नहीं रह जाती। इस प्रक्रिया को 51% अटैक कहा जाता है।
- अगर देखा जाए यानि की इस टेक्नोलॉजी के फायदे एवं नुकसान दोनों की तुलना करी जाए तो अधिकांशतः इस तकनीक के फायदे ही हैं। भविष्य में अर्थव्यवस्था तथा अन्य क्षेत्रों में इस तकनीक का प्रयोग क्रांतिकारी साबित होगा। अगर सही से इसका मांग वाले सेक्टर में लागू की जाए।
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