Best Course in Medical Field After 12th

Best Course in Medical Field After 12th: एक तरफ जहां रोजगार के सभी क्षेत्रों पर महामारी की मार पड़ी है तो वही दूसरी तरफ हेल्थकेयर सेक्टर एक ऐसा जो और तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से आज इस फील्ड में स्पेशलिस्ट कर्मचारियों की डिमांड और ज्यादा बढ़ी है।

Best Course in Medical Field After 12th

इसके अलावा यह करियर का एक ऐसा क्षेत्र है जहां जॉब का बहुत अच्छा अवसर है। और यह क्षेत्र है स्वास्थ्य का क्षेत्र। आज की स्थिति से भी पता चलता है कि यह कितना महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहीं नहीं मेडिकल की फील्ड से जुड़े कोर्सेज की डिमांड हर बढ़ रही है। इसलिए आज आपको कुछ पॉपुलर कोर्सेज की जानकारी देंगे जिन्हें 12वीं के बाद कर सकते है और अपना अच्छा करियर बना सकते हैं।

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MBBS-

यह एक ऐसा कोर्स जिसकी तरफ लोग ज्यादा आकर्षित होते हैं। इस कोर्स में मेडिसिन और सर्जरी में बैचलर डिग्री दी जाती है। MBBS के कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको सबसे पहले नीट देनी पड़ती है। इसके जो छात्र नीट की परीक्षा को पास कर लेता है उसे ही देश के स्थित विभिन्न मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलता है। यह कोर्स 5 साल का होता है।

BHMS-

बैचलर ऑफ होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी (BHMS) कोर्स में आप 12 वीं के बाद अप्लाई किया जाता है। यह कोर्स भी 5 साल का होता है। साथ ही इसमें एक साल की इंटर्नशिप भी करनी होती है। बैचलर ऑफ होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी का कोर्स करने के बाद आप अपना  खुद का क्लिनिक खोल सकते हैं।

BDS-

आज के समय दातों की कई सारी बीमारियों जन्म ले चुकी हैं। जिनके उपचार यानी इलाज के लिए स्पेशलिस्ट डेंटल एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती है। इस कारण इससे जुड़े कोर्स बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की डिमांड काफी बढ़ गयी है। इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए पहले नीट परीक्षा देनी होती है। यह कोर्स भी 5 साल का होता है। इस कोर्स को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया आयोजित करती है।

B.VSc-

Bachelor of Veterinary Science (B.VSc): यह भी 5 वर्षीय कोर्स है है जिसमें जानवरों की दवाइयां और उनसे जुड़ी बिमारियों की पढ़ाई होती है। B.VSc कोर्स करने के बाद आप अपना जानवरों से जुड़ा क्लिनिक खोल सकते हैं।

बैचलर ऑफ रेस्पायरेटरी थेरेपी (Bachelor of Respiratory Therapy):

बैचलर ऑफ रेस्पायरेटरी थेरेपी (Bachelor of Respiratory Therapy) कोर्स में 12th के बाद अप्लाई किया जाता है। यह कोर्स 3 साल का होता है। इस कोर्स में स्टूडेंट्स को हृदय और फेफड़ों संबंधी समस्याओं को डायग्नोस, उपचार, प्रबंधन और देखभाल की प्रक्रिया में मदद करने के लिए तकनीक का उपयोग करना सिखाया जाता है।

इसमें Anatomy, Microbiology, Pharmacology, Math, CPR, Diagnostic procedures,Tests, Patient assessment, Professional communication, Quality improvement आदि के बारे में नॉलेज दी जाती है। रेस्पायरेटरी थेरेपिस्ट बनने के बाद आप मरीजों के घरों, अस्पतालों, डॉक्टरों के कार्यालयों और नर्सिंग केयर फैसिलिटीज आदि जगह काम कर सकते हैं। इस करियर में बहुत सारी संभावनाएं हैं।

बैचलर इन साइकॉलजी (Bachelor in Psychology):

बदलते लाइफस्‍टाइल के साथ साइकोलॉजी सबजेक्‍ट में करियर बनाने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। बैचलर इन साइकॉलजी (BA in Psychology) का कोर्स 3 साल का होता है। इस कोर्स को 12th के बाद कर सकते हैं। साइकॉलजी में इंसान के बर्ताब और इससे जुड़ी परेशानियों का इलाज किया जाता है।

साइकॉलॉजिस्ट का काम इंसान के दिमाग को पढ़कर उसके मन में चल रही समस्याओं को खत्म करना होता है। अधितकर छात्रों को यह अलग हटकर कोर्स लगता है इसलिए कई छात्र इसे अपना करियर चुनते हैं जबकि कई छात्रों को मानव व्यवहार में दिलचस्पी होती है। इस कोर्स को करने के बाद आप सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, यूनिवर्सिटी, स्कूलों, सरकारी एजेंसियों, प्राइवेट इंडस्ट्रीज, रिसर्च आर्गेनाइजेशंस, कॉर्पाेरेट हाउस में काम कर सकते हैं।

बैचलर ऑफ साइंस इन बायोटेक्नोलॉजी (Bachelor of Science in Biotechnology):

बैचलर ऑफ साइंस इन बायोटेक्नोलॉजी का 3 साल का होता है। इस कोर्स में अलग-अलग प्रकार की तकनीक और उत्पादों के विकास के लिए कोशिकाओं (cellular) और  द्वि-आणविक (Bimolecular) प्रक्रियाओं का अध्ययन शामिल है, जो लोगों के जीवन और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योगदान करते हैं।  कोर्स को करने के लिए 12th साइंस स्ट्रीम के बाद अप्लाई कर सकते है।

इसमें एडमिशन लेने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होगा। AIIMS Biotechnology entrance test, DU entrance test कुछ ऐसे प्रवेश परीक्षा हैं जो कोर्स में एडमिशन के लिए कराई जाती हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। इसमें शुरूआती सैलरी एवरेज सालाना पैकेज 2.5 और 7 लाख के बीच होती है। इसके बाद जैसे-जैसे एक्सपीरियंस बढ़ता है वैसे-वैसे सैलरी भी बढ़ती है।

इसके अलावा मेडिकल फील्ड से जुड़े कई सारे कोर्स हैं। उनमें से कुछ ऐसे कोर्स हैं जिनके लिए नीट परीक्षा की जरुरत नहीं पड़ती। नीचे हम ऐसे ही कोर्सेज की लिस्ट दे रहे हैं।

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  • बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी
  • बीटेक इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
  • बैचलर ऑफ साइंस इन माइक्रोबायोलॉजी
  • बैचलर ऑफ साइंस इन कार्डिएक टेक्नोलॉजी

 

 

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